झारखंड के लिए भाजपा उम्मीदवारों की सूची में बाबूलाल मरांठी और चंपई सोरेन शामिल
राजकुमार रंजन
- 20 Oct 2024, 12:09 AM
- Updated: 12:09 AM
रांची/नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 66 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी करते हुए प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को धनवार से और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को सरायकेला से मैदान में उतारा है।
भारतीय जनता पार्टी ने झामुमो नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को जामताड़ा से उम्मीदवार बनाया है।
नयी दिल्ली में पार्टी महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई।
इस सूची में गीता कोड़ा और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा का नाम भी शामिल है। गीता कोड़ा को जगनाथपुर से, भगत को गुमला से और मीरा मुंडा को पोटका से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 23 नवंबर को होगी।
भाजपा राज्य की 81 विधानसभा सीट में से 68 पर चुनाव लड़ रही है तथा शेष सीट उसने अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 2019 में झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के टिकट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के लक्ष्मण प्रसाद सिंह के खिलाफ गिरिडीह की धनवार सीट 17,550 मतों के अंतर से जीती थी।
सरायकेला से चुनाव लड़ने वाले चंपई सोरेन 30 अगस्त को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा था कि पार्टी में अपने ‘‘अपमान’’ के चलते उन्हें झामुमो को छोड़ना पड़ा।
चंपई सोरेने के भाजपा में शामिल होने को अनुसूचित जनजातियों के साथ संबंध मजबूत करने के पार्टी के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उत्सावर्धक के रूप में देखा जा रहा है। अनुसूजित जनजातियां झामुमो का मजबूत समर्थन आधार हैं।
मुख्यमंत्री पद से हेमंत सोरेन के इस्तीफे और उसके बाद धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद दो फरवरी को चंपई सोरेन (67) को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था।
उन्होंने तीन जुलाई को मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था, जिससे जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन के लिए चार जुलाई को पुन: मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था।
वर्ष 2019 के चुनाव में, उन्होंने झामुमो के टिकट पर सरायकेला सीट से भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी गणेश महाली को 15,667 मतों के अंतर से हराया था।
राज्य में एकमात्र कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा इस वर्ष के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थीं। उन्होंने सिंहभूम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, झामुमो की जोबा माझी ने सिंहभूम सीट पर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कोड़ा को 1.68 लाख मतों के बड़े अंतर से हराया था।
अन्य उम्मीदवारों में बोकारो से बिरंचि नारायण, देवेन्द्र कुंवर (जरमुंडी), गंगानारायण सिंह (मधुपुर), अशोक भगत (महगामा), अरुण ओरांव (सिसई), रवीन्द्र पांडे (बेरमो) और राम कुमार पाहन (खिजरी) शामिल हैं।
सुनील सोरेन दुमका से, अनंत ओझा राजमहल से, नवनीत हेम्ब्रम महेशपुर से और नारायण दास देवघर से चुनाव लड़ेंगे।
इसी तरह रणधीर सिंह सारठ से, प्रदीप प्रसाद हजारीबाग से, अमित मंडल गोड्डा से, नीरा यादव कोडरमा से, मनोज यादव बरही से, निर्भय शाहबादी गिरिडीह से और अपर्णा सेनगुप्ता निरसा से अपनी चुनावी किस्मत आजमाएंगे।
इसके अलावा मंजू देवी जमुआ से, मुनिया देवी गांडेय से, राज सिन्हा धनबाद से, रागिनी सिंह झरिया से, सोना राम बोदरा खरसावां से, गीता बलमुचू चाईबासा से और आलोक चौरसिया डाल्टनगंज से चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा के अन्य प्रत्याशियों लोबिन हेम्ब्रोम (बोरियो), बाबूधन मुर्मू (लिट्टीपाड़ा), परितोष सोरेन (शिकारीपाड़ा), माधव चंद्र महतो (नाला), सुरेश मुर्मू (जामा), देवेन्द्रनाथ सिंह (पोरैयाहाट), अमित कुमार यादव (बरकट्ठा), रोशन लाल चौधरी (बड़कागांव) और उज्जवल दास (सिमरिया) से चुनाव मैदान में होंगे।
सूची में नागेंद्र महतो (बगोदर), अमर कुमार बाउरी (चंदनकियारी), तारा देवी (सिंदरी), शत्रुघ्न महतो (बाघमारा), दिनेशानंद गोस्वामी (बहरागोड़ा), बाबूलाल सोरेन (घाटशिला) और पूर्णिमा दास साहू (जमशेदपुर) भी शामिल हैं।
इसके अलावा भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गये प्रत्याशियों में शशिभूषण समद (चक्रधरपुर), कोचे मुंडा (तोरपा), नीलकंठ सिंह मुंडा (खूंटी), सीपी सिंह (रांची), नवीन जयसवाल (हटिया), जीतू चरण राम (कांके), समीर ओरांव (बिशुनपुर) शामिल हैं।), पुष्पा देवी भुइयां (छतरपुर), कमलेश कुमार सिंह (हुसैनाबाद) और भानु प्रताप शाही (भवनाथपुर) शामिल हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव में झारखंड से झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को सत्ता से बाहर करने की कोशिश कर रही है।
भाषा राजकुमार