यमुना की सफाई कभी भी ‘आप’ की प्राथमिकता नहीं रही : भाजपा सांसद
पारुल प्रशांत
- 19 Oct 2024, 10:27 PM
- Updated: 10:27 PM
नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) पूर्वी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हर्ष मल्होत्रा ने यमुना नदी में प्रदूषण के लिए शनिवार को शहर की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि यमुना की सफाई कभी भी ‘आप’ की प्राथमिकता नहीं थी।
भाजपा सांसद के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ ने एक बयान में कहा, “भाजपा सिर्फ गंदी राजनीति कर रही है। आम आदमी पार्टी की सरकार प्रदूषण के खिलाफ युद्ध स्तर पर काम कर रही है।”
पार्टी ने कहा, “उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार राज्य से गंदा पानी भेजकर यमुना को प्रदूषित कर रही है। दिल्ली में भाजपा नेता केवल दिखावा कर रहे हैं।”
मल्होत्रा ने कालिंदी कुंज में यमुना तट का दौरा करने के बाद यह टिप्पणी की। उनके साथ भाजपा प्रवक्ता अनिल गुप्ता और स्थानीय पार्षद ब्रह्म सिंह भी थे।
यमुना पर छाई सफेद झाग की परत का जिक्र करते हुए मल्होत्रा ने कहा, “केजरीवाल सरकार ने यमुना की सफाई को लेकर सिर्फ झूठ और भ्रम फैलाया है। जब उपराज्यपाल ने यमुना की सफाई के लिए कदम उठाए, तो केजरीवाल सरकार ने उन्हें रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया। नदी की सफाई हमेशा से ‘आप’ के लिए एक राजनीतिक मुद्दा रही है, प्राथमिकता नहीं।”
शुक्रवार सुबह से ही यमुना नदी पर सफेद झाग की मोटी परत छाई हुई है। विशेषज्ञों ने छठ पर्व की तैयारियों के बीच लोगों से यमुना में डुबकी लगाने से बचने को कहा है। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह स्थिति पर करीबी नजर रख रही है।
इस बीच, मल्होत्रा ने वायु और जल प्रदूषण से निपटने के लिए लगाए गए प्रदूषण उपकर के रूप में एकत्र किए गए 1,000 करोड़ रुपये के प्रबंधन पर भी आप सरकार पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन निधियों का क्या हुआ।”
उन्होंने दिल्ली से होकर बहने वाली यमुना में ऑक्सीजन के स्तर में भारी गिरावट और महत्वपूर्ण जल निकासी बिंदुओं पर अवजल शोधन संयंत्रों की अनुपस्थिति पर भी प्रकाश डाला।
इस बीच, आप नेता रीना गुप्ता ने कहा, “चाहे जल प्रदूषण का मुद्दा हो या वायु प्रदूषण का, ये मुद्दे प्रशासनिक सीमाओं को पार करते हैं। ... उच्चतम न्यायालय ने लगातार कहा है कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की जरूरत है।”
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली और पंजाब में केवल आप सरकारें ही इस समस्या से निपटने में सक्रिय हैं। हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि उत्तर प्रदेश में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके विपरीत, पंजाब में ऐसी घटनाओं में 30 प्रतिशत की कमी आई है।
भाषा पारुल