जम्मू कश्मीरः प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कर्रा की नियुक्ति पर बहस छिड़ी
राजकुमार पवनेश
- 19 Oct 2024, 09:12 PM
- Updated: 09:12 PM
जम्मू, 19 अक्टूबर (भाषा) जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से प्रदेश पार्टी प्रमुख के रूप में हाल में तारिक हमीद कर्रा की हुई नियुक्ति पर बहस छिड़ गयी है और नेताओं का एक धड़ा उनपर हार का ठीकरा फोड़ रहा है।
हालांकि कर्रा के समर्थकों का कहना है कि वह एक ‘गुमनाम नायक’ के रूप में उभरे हैं, क्योंकि चुनाव से कुछ सप्ताह पहले ही जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के बावजूद उन्होंने पार्टी को उल्लेखनीय जीत दिलाई है, जिसमें उत्तरी कश्मीर में दो नई सीट भी शामिल हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के बाद हुए इस पहले विधानसभा चुनाव में केवल छह सीट - कश्मीर में पांच और जम्मू में एक - जीत पायी है।
शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व के साथ परामर्श कर कर्रा ने चुनाव में खासकर जम्मू क्षेत्र में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने तथा पार्टी संगठन को मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए एक तथ्यान्वेषण समिति बनायी है।
पूर्व मंत्री कर्रा को 16 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। उनकी नियुक्ति इस केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के वक्त की गयी थी। उन्होंने विकास रसूल वानी की जगह ली थी।
नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने 49 सीट के साथ विधानसभा में बहुमत हासिल किया। नेकां 42 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इस गठबंधन ने बुधवार को अपनी सरकार बनाई, जिसमें नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
पूर्व उपमुख्यमंत्री वानी, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला और कई पूर्व मंत्री इस सबसे पुरानी पार्टी के उन उम्मीदवारों में शामिल हैं जो चुनाव हार गये।
एक कांग्रेस नेता ने अपना नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘ पार्टी के अधिकतर उम्मीदवारों की हार के लिए कर्रा को दोषी ठहराना अन्याय है.... उनके नेतृत्व में इरफान हफीज लोन और निजामुद्दीन बट पार्टी में शामिल हुए और उत्तरी कश्मीर में वागूरा-क्रीरी और बादीपोरा निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव जीते, जबकि कर्रा ने खुद श्रीनगर में सेंट्रल-शेलटेंग सीट जीती। पार्टी ने दक्षिण कश्मीर की तीन में से दो सीट भी जीतीं।’’
उन्होंने दावा किया कि अपनी असफलताओं के कारण चुनाव हारने वाले नेता अब कर्रा के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे कर्रा की सफलता से असंतुष्ट हैं, जिन्होंने पार्टी को पुनर्जीवित किया है।’’
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेताओं के एक समूह ने बैठक की है और पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए कर्रा को जिम्मेदार ठहराते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।
सूत्रों ने बताया कि ये नेता कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर प्रस्ताव सौंपने की योजना बना रहे हैं।
भाषा राजकुमार