विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समता पार्टी के दौर के नेताओं से संपर्क साध रही है जदयू
गोला प्रशांत
- 19 Oct 2024, 03:34 PM
- Updated: 03:34 PM
पटना, 19 अक्टूबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) अगले साल के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करने के मद्देनजर अपने पुराने नेताओं से संपर्क साध रही है और उसे उम्मीद है कि ये नेता संगठन को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगे।
पार्टी के निर्विवाद सर्वोच्च नेता और कुछ समय के लिए इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नीतीश कुमार ने हाल में जदयू में शामिल हुए करीबी सहयोगी मनीष कुमार वर्मा को यह जिम्मा सौंपा है।
वर्मा ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जदयू की उत्पत्ति 1994 में बिहार में विकल्प पेश करने के लिए बनायी गयी समता पार्टी से हुई है। बिहार उस समय मंडल के बाद सामाजिक क्रांति के शिखर पर था लेकिन अराजकता, भ्रष्टाचार और चौतरफा कुशासन से जूझ रहा था। हम उस समय आंदोलन में शामिल हुए लोगों को सम्मानित करने के लिए उन्हें जोड़ रहे हैं।’’
कुमार ने दिवंगत नेता जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी की सह-स्थापना की थी। दोनों नेता उस समय बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से नाखुश थे जो तेजी से जनता दल के वास्तविक नेता के रूप में उभर रहे थे।
करीब एक दशक बाद समता पार्टी का जनता दल (यूनाइटेड) में विलय हुआ जो शरद यादव नीत जनता दल से अलग हुआ एक अन्य समूह था। जदयू ने 2005 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में राज्य विधानसभा चुनाव जीता और कुमार मुख्यमंत्री बने।
वर्मा ने कहा, ‘‘राज्य के अपने दौरे के दौरान, मैं उन लोगों को सम्मानित करने का प्रयास कर रहा हूं जो बदलाव लाने के निस्वार्थ उद्देश्य के साथ समता पार्टी में शामिल हुए थे। उस समय हम सत्ता से काफी दूर थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब, जबकि हमारे नेता सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में मजबूती से काबिज हैं, हमें उन लोगों को मान्यता देनी चाहिए जिनके खून, पसीने और आंसुओं ने इसे संभव बनाया है।’’
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता इस कदम से अभिभूत दिखायी दिए।
वर्मा ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें 2025 में आशीर्वाद देने का आश्वासन दिया है जब वे सक्रिय रूप से हमारी मदद करने के लिए उत्साहित हैं। यह कहने की जरूरत नहीं है कि हमें उनके अनुभव से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।’’
इस साल की शुरुआत में पार्टी में शामिल होने के कुछ ही हफ्तों के भीतर राष्ट्रीय महासचिव बने पूर्व नौकरशाह वर्मा ‘‘सरकार तथा संगठन के बीच बेहतर समन्वय’’ सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ता समागम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी सरकार के बारे में लोगों की धारणाओं और उनकी भविष्य की उम्मीदों पर उनसे राय ले रही है।
भाषा
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