हरियाणा कांग्रेस विधायकों ने पार्टी हाईकमान को सीएलपी नेता नियुक्त करने का अधिकार दिया
प्रशांत माधव
- 18 Oct 2024, 08:55 PM
- Updated: 08:55 PM
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर (भाषा) हरियाणा कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने आठ अक्टूबर को घोषित विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद शुक्रवार को यहां अपनी पहली बैठक की, जिसमें एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी हाईकमान को सदन में उसका अगला नेता नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया गया।
बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में शीर्ष कांग्रेस नेता - राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एआईसीसी कोषाध्यक्ष अजय माकन, पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा और टी.एस. सिंह देव मौजूद थे।
उन्होंने सभी पार्टी विधायकों से भी बात की और उनसे राय मांगी कि उनका नया नेता कौन होना चाहिए।
बैठक में हरियाणा कांग्रेस के अन्य विधायकों के साथ निवर्तमान कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान भी मौजूद थे। बैठक करीब 90 मिनट तक चली।
अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा, “यहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक की शुरुआत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रस्ताव पढ़ा कि कांग्रेस विधायक दल सर्वसम्मति से यह निर्णय लेता है कि अपना नेता चुनने का अधिकार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का है। हुड्डा के प्रस्ताव का हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने समर्थन किया। बैठक में मौजूद सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया।”
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पारित होने के बाद पर्यवेक्षकों ने विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की और उनकी राय मांगी। उन्होंने कहा कि वे आज ही हाईकमान को फीडबैक देंगे।
बुधवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए 31 पार्टी विधायकों ने इस सप्ताह की शुरुआत में हुड्डा से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। हालांकि, नेताओं का एक वर्ग उन्हें पार्टी के नेता पद से हटाना चाहता है और चाहता है कि युवा पीढ़ी को कमान सौंपी जाए क्योंकि कांग्रेस राज्य में सत्ता में वापस आने में विफल रही है।
हुड्डा हालांकि पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।
हरियाणा के कांग्रेस विधायकों ने हुड्डा को उनके दिल्ली स्थित आवास पर सम्मानित किया और इच्छा जताई कि वे राज्य विधानसभा में उनके नेता बनें।
हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद यह पहला मौका था जब कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई थी।
पांच अक्टूबर को हुए मतदान में भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतकर राज्य में अभूतपूर्व तीसरी बार सत्ता हासिल की। कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं।
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा में पार्टी की हार के कारणों का पता लगाने के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति गठित की थी - जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी और पार्टी नेता एस. सेंथिल शामिल हैं।
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