हरियाणा: सैनी ने पूरा किया पहला चुनावी वादा, सरकारी अस्पतालों में निशुल्क डायलिसिस की जाएगी
सुभाष नरेश
- 18 Oct 2024, 06:47 PM
- Updated: 06:47 PM
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर (भाषा) हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पहले चुनावी वादे को पूरा करते हुए शुक्रवार को ऐलान किया कि गुर्दे (किडनी) की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को राज्य में सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क ‘डायलिसिस’ की सुविधा मुहैया की जाएगी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हरियाणा, उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय को भी ‘‘आज ही’’ लागू कर देगा, जिसमें आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का राज्यों को अधिकार दिया गया है।
सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की बृहस्पतिवार को शपथ ली।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों ने भाजपा को लगातार तीसरा कार्यकाल देकर, कांग्रेस के झूठ और किसानों तथा गरीबों को भड़काने के प्रयासों को नाकाम कर दिया।
सैनी ने कहा कि भाजपा को बड़ा जनादेश देकर लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों पर अपनी मुहर लगाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सभी सरकारी अस्पतालों में, गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों की निशुल्क डायलिसिस की जाएगी।
उन्होंने कहा, “(कार्यभार संभालने के बाद) मैंने गुर्दे की बीमारी से पीड़ित मरीजों से संबंधित निर्णय की फाइल पर सबसे पहले हस्ताक्षर किए। हमने चुनाव में भी यह वादा किया था। डायलिसिस पर प्रति माह 20,000 से 25,000 रुपये का खर्च आता है लेकिन अब हरियाणा सरकार इसे वहन करेगी।’’
सैनी ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल ने उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय को भी लागू करने का निर्णय लिया है जिसमें कहा गया है कि राज्यों को, आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है।
उन्होंने कहा, "मंत्रिमंडल की पहली बैठक में हमारे मंत्रियों ने आज से ही इस निर्णय को लागू करने का फैसला किया है।’’
शीर्ष अदालत ने एक अगस्त को कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके।
फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने और उन्हें अगले दो सत्रों के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए प्रतिबंधित किये जाने संबंधी कृषि विभाग की अधिसूचना के बारे में पूछे जाने पर सैनी ने कहा, ‘‘ऐसी कोई बात नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि मैंने आज भी कहा है कि अगर हमारे किसान पराली जलाते हैं तो उन्हें (पर्यावरण पर पड़ने वाला इसका प्रभाव) समझाया जाना चाहिए। अगर किसी उपकरण या यंत्र की जरूरत है तो हम उस पर सब्सिडी दे रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। हरियाणा और पड़ोसी राज्य पंजाब में, खासकर अक्टूबर और नवंबर में फसल कटाई के बाद के मौसम में पराली जलाये जाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ता है।
धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच की अवधि बहुत कम होने के कारण किसान अपने खेतों को खाली करने के लिए उसी स्थान पर पराली जला देते हैं।
सैनी ने बताया कि कैबिनेट बैठक के दौरान, राज्य में जारी धान खरीद की भी समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘धान की खरीद पर विस्तृत चर्चा हुई। भाजपा सरकार हमारे किसानों का एक-एक दाना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
उन्होंने कहा कि धान में 17 प्रतिशत तक नमी होने पर खरीद मूल्य में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चालू सत्र में 27.45 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक मंडियों में हुई है और बृहस्पतिवार तक एमएसपी पर 23 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि खरीदी गई धान के लिए किसानों के खातों में 3,056 करोड़ रुपये भेजे गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में अब तक 3.44 लाख मीट्रिक टन से अधिक बाजरे की मंडियों में आवक हुई है। इसमें से 2.70 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीद हो चुकी है और 331 करोड़ रुपये किसानों के खातों में जमा किये जा चुके हैं।
सैनी ने अपराधियों को भी कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘मैं आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों को चेतावनी देता हूं कि वे या तो हरियाणा छोड़ दें या सुधर जाएं, अन्यथा हम उन्हें सुधार देंगे।’’
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