जहरीली शराब मामला: सिवान और सारण जिलों में मरने वालों की संख्या 24 हुई
सं अनवर खारी
- 17 Oct 2024, 05:01 PM
- Updated: 05:01 PM
सिवान/छपरा, 17 अक्टूबर (भाषा) बिहार के सिवान और सारण जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से 18 और लोगों की मौत हो गई, जिससे इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 24 हो गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारियों को इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और लोगों को शराब पीने के दुष्परिणामों की याद दिलाई।
सिवान और सारण में कथित तौर पर जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार सरकार द्वारा लगभग आठ साल पहले शराब की बिक्री और सेवन पर लगाए गए प्रतिबंध की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए।
सारण रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) नीलेश कुमार ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘सिवान जिले के मगहर और औरिया पंचायतों में जहरीली शराब पीने से अब तक लगभग 20 लोगों की मौत हो चुकी है।’’
उन्होंने बताया कि सारण जिले के मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर इलाके में अब तक चार लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार दोनों जिलों के 25 से अधिक लोग का सिवान, सारण और पटना जिलों के विभिन्न अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है।
सारण जिला प्रशासन द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘सारण जिले के कम से कम सात लोगों को बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) रेफर किया गया है।’’
यह भी बताया गया कि जिला पुलिस ने मामले दर्ज कर लिए हैं और जांच कर रही है।
डीआइजी ने कहा, ‘‘शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल पाएगा।’’
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पांच अप्रैल 2016 को शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
इससे पहले बुधवार को सिवान के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे सूचना मिली कि मगहर और औरिया पंचायतों में तीन लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। अधिकारियों की एक टीम को तुरंत इलाके में भेजा गया तथा 12 और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनमें से एक ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।’’
ग्रामीणों ने दावा किया कि इन लोगों ने मंगलवार रात जहरीली शराब पी थी, जिसके बाद वे बीमार पड़ गए।
अधिकारियों ने अभी तक मृतकों और इलाज करा रहे लोगों की पहचान उजागर नहीं की है।
जिलाधिकारी ने बुधवार को कहा था, ‘‘पहले ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं... निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों की एक टीम मामले की जांच कर रही है।’’
इस बीच, दोनों जिलों के प्रशासन ने बृहस्पतिवार को मगहर, औरिया और इब्राहिमपुर क्षेत्रों के तीन चौकीदारों को निलंबित कर दिया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘‘स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी। कम से कम पांच स्थानीय पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।’’
बिहार सरकार ने हाल ही में स्वीकार किया था कि अप्रैल 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद अवैध शराब के सेवन से 150 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
इस बीच, बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ने सिवान और सारण में शराब के सेवन से हुई मौतों के मामले की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘मुख्यमंत्री ने बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने और अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।’’
इसमें कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने मद्यनिषेध और उत्पाद विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल और बिहार पुलिस के एडीजी (मद्यनिषेध) को व्यक्तिगत रूप से उस क्षेत्र का दौरा करने और घटना की गहन जांच करने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
घटना पर टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं, पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी ‘किचन’ कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।’’
राजद नेता ने कहा, ‘‘कितने भी लोग मारे जाएं लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो। इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या मुख्यमंत्री ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई करने और सोचने में सक्षम तथा समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?’’
भाषा सं अनवर