भारत में अगले दशक में ऊर्जा की मांग में अधिक वृद्धि होने का अनुमान: आईईए
देवेंद्र माधव
- 16 Oct 2024, 09:34 PM
- Updated: 09:34 PM
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) भारत में विशाल जनसंख्या तथा सभी क्षेत्रों से बढ़ती मांग के कारण अगले दशक में किसी भी अन्य देश की तुलना में ऊर्जा की मांग में अधिक वृद्धि होने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
‘वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2024’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोयला अगले कुछ दशकों तक भारत के ऊर्जा मिश्रण का एक प्रमुख हिस्सा बना रहेगा। देश में 2030 तक लगभग 60 गीगावाट नई कोयला-आधारित बिजली क्षमता जुड़ने का अनुमान है, भले ही कुछ पुराने कोयला संयंत्र बंद हो जाएंगे।
आईईए की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विशाल आबादी और सभी क्षेत्रों से बढ़ती मांग के पैमाने का मतलब है कि भारत अगले दशक में किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक ऊर्जा मांग वृद्धि का अनुभव करने के लिए तैयार है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि घोषित नीति परिदृश्य (एसटीईपीएस) के अनुसार भारत अब से 2035 तक प्रतिदिन सड़कों पर 12,000 से अधिक नई कार उतारे जाने की राह पर है।
इसमें कहा गया है कि भारत का लोहा और इस्पात उत्पादन 2035 तक 70 प्रतिशत बढ़ने की ओर अग्रसर है, सीमेंट उत्पादन में लगभग 55 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है तथा एयर कंडीशनर की संख्या में 4.5 गुना से अधिक की वृद्धि होने का अनुमान है। इसके परिणामस्वरूप उस वर्ष तक एयर कंडीशनर से बिजली की मांग मैक्सिको की कुल अपेक्षित बिजली खपत से अधिक हो जाएगी।
भारत में कुल ऊर्जा मांग में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है तथा इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 2035 तक तीन गुणा होकर 1,400 गीगावाट हो जाने की संभावना है।
आईईए ने कहा कि भारत 2070 तक शुद्ध शून्य (नेट जीरो) उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन कोयला की अगले कुछ दशकों तक ऊर्जा मिश्रण में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2030 तक लगभग 60 गीगावाट की नई कोयला आधारित बिजली उत्पादन क्षमता जुड़ने की उम्मीद है, भले ही कुछ पुराने कोयला संयंत्र बंद हो जाएंगे।
इसमें कहा गया है कि कोयला आधारित बिजली उत्पादन में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार 2023 में स्टील, सीमेंट और विनिर्माण जैसे उद्योगों में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा का 40 प्रतिशत कोयला से हासिल होगा।
इसके अनुसार 2035 तक उद्योग में कोयले का इस्तेमाल 50 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
आईईए के अनुसार 2023 में यूरोप और अमेरिका में कोयले की खपत में गिरावट आएगी जबकि भारत में यह आठ प्रतिशत और चीन में पांच प्रतिशत बढ़ेगी।
भाषा
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