बहराइच हिंसा: विसर्जन के समय जान गंवाने वाले युवक का परिजनों ने अंतिम संस्कार किया
आनन्द जफर जितेंद्र
- 14 Oct 2024, 09:50 PM
- Updated: 09:50 PM
बहराइच, 14 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के बहराइच में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए युवक राम गोपाल मिश्रा का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर भारी पुलिस बल और तनाव के बीच किया गया। जिले में अब भी तनाव बना हुआ है और युवक का परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।
महसी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश्वर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मृतक का अंतिम संस्कार उसके परिवार के सदस्यों ने कर दिया।’’
हिंसा के दौरान मारे गए राम गोपाल मिश्रा (22) की मां मुन्नी देवी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ सेवा से कहा, ‘‘मेरा बेटा मर गया, हमें न्याय चाहिए।’’
बहराइच की महसी तहसील के मंसूर गांव में रविवार को भड़की हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 10 नामजद और 24 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
हिंसा के दौरान मिश्रा की मौत के बाद पथराव और गोलीबारी में करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। पुलिस ने करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस सूत्रों ने अब तक तीन गिरफ्तारियों की पुष्टि की।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में नामजद आरोपियों में से एक सलमान को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है। अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “बहराइच जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।”
बहराइच में रविवार को हुई हिंसा के बाद सोमवार को तनाव की स्थिति है और लाठियां तथा लोहे की छड़ें लेकर कुछ लोग सड़कों पर घूमते दिखे। कुछ दुकानों और वाहनों में आग भी लगाई गई। हिंसा के विरोध में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए और पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाए गए। पुलिस बलों ने इलाके में फ्लैग मार्च किया। कुछ दुकानों, घरों और वाहनों में आग लगाए जाने से आसमान में काले धुएं का गुबार उठ रहा था।
विरोध-प्रदर्शनों और बढ़ते तनाव तथा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी के बीच सुरक्षाबलों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में फ्लैग मार्च किया। हालांकि, हिंसक भीड़ ने कुछ दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोमवार सुबह जब राम गोपाल का शव रेहुआ मंसूर गांव पहुंचा तो वहां हजारों की भीड़ एकत्र हो गई थी। लोग शव लेकर महसी तहसील पहुंचे और तहसील के सामने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया।
आसपास के कई गांवों से हजारों की भीड़ वहां जुटी थी। लोग हत्यारे को मुठभेड़ में मार गिराने, उसके घर को गिराने और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे थे।
देवीपाटन क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा, "यहां माहौल तनावपूर्ण है, लेकिन हमने पुलिस बल बढ़ाकर फिलहाल इसे नियंत्रण में कर लिया है।" अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव संजीव गुप्ता और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अमिताभ यश स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं।
कैमरे में रिकॉर्ड वीडियो के मुताबिक, बहराइच पहुंचते ही अमिताभ यश भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश में जुट गए और इस दौरान उनके हाथ में पिस्तौल भी थी।
बहराइच की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया, ‘‘स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और असामाजिक तत्वों को खदेड़ा जा रहा है।’’
हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश की शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोई भी साजिश सफल नहीं होगी। दंगाइयों को संरक्षण देने वाले एक बार फिर सक्रिय हो रहे हैं, लेकिन हमें सतर्क और सजग रहना होगा।’’
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य के साथ छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी।’’ मौर्य ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी और पीड़ितों को पूरा न्याय मिलेगा।
मौर्य ने कहा, ‘‘मैं सभी नागरिकों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील करता हूं।’’ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने ‘एक्स’ पर हिंदी में किए गए एक पोस्ट में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के बहराइच में हिंसा की खबर और प्रशासन की निष्क्रियता बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्य के मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करने, जनता को विश्वास में लेने और हिंसा को रोकने की अपील करती हूं। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मेरी जनता से विनम्र अपील है कि कृपया कानून को अपने हाथ में न लें।’’
इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में शांति की अपील की और बहराइच हिंसा को ‘दुखद’ बताया।
उन्होंने कहा, “सरकार हिंसा का कारण जानती है। चौकी प्रभारी या छोटे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से स्थिति में सुधार नहीं होगा। प्रशासन को (दुर्गा प्रतिमा) जुलूस निकाले जाने के दौरान सतर्क रहना चाहिए था।”
यादव ने कहा कि प्रशासन को जुलूस के मार्ग का अध्ययन करना चाहिए था और जांच करनी चाहिए थी कि क्या पर्याप्त पुलिस बल मौजूद है और लाउडस्पीकर पर क्या बज रहा है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। शासन की चूक से इतनी बड़ी घटना हुई।
सपा प्रमुख ने बहराइच में हिंसा की चर्चा किये बिना ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि “चुनाव का आना और साम्प्रदायिक माहौल का बिगड़ जाना, ये इत्तेफाक नहीं है।”
यादव ने कहा, “जनता सब समझ रही है। हार के डर से हिंसा का सहारा लेना किसकी पुरानी रणनीति है, सब जानते हैं। ये उप चुनाव की दस्तक है। दिखावटी कानून-व्यवस्था की जगह अगर सरकार सच में पुख़्ता इंतज़ाम करे तो सब सही हो जाएगा लेकिन ऐसा होगा तब ही जब ये सरकार चाहेगी।”
वहीं सपा के मीडिया प्रकोष्ठ ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश के बहराइच हिंसा में जिस गोपाल मिश्रा की हत्या हुई उसका वीडियो सामने आया है। गोपाल ने बवाल के दौरान एक मुस्लिम व्यक्ति के घर की छत से हरा झंडा उतारा और भाजपा नेताओं के कहने पर भगवा झंडा लहराया।”
पोस्ट के मुताबिक, “ऐसा करने के लिए वहां मौजूद भीड़ उसको प्रेरित कर रही थी, गोपाल मिश्रा भाजपाई राजनीति की बलि का बकरा बना, इसके कुछ देर बाद ही गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई।”
पोस्ट में कहा गया कि अब उकसाने वाले लोग आराम से घर में सो रहे हैं और भाजपाई राजनीतिक लोग राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं।
पोस्ट के मुताबिक, “खैर उपचुनाव जो होना है, प्रदेश में जब तक हिंदू मरेगा नहीं तब तक हिंदू मुस्लिम कैसे होगा शायद यही सोचकर सीएम योगी इस फसाद का राजनीतिकरण कर रहे?”
इससे पहले दिन में शुक्ला ने कहा कि 25 से 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है और प्रभावित इलाकों में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
शुक्ला ने कहा, ‘‘सभी अराजक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सलमान नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, उसके घर से गोलियां चलाई गईं। घर पर ही वह एक दुकान चलाता है।
अधिकारी ने बताया कि घटना में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
बहराइच की जिला मजिस्ट्रेट मोनिका रानी ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद हुआ था।
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को गोली लगने के बाद स्थिति बिगड़ गई और घटना को देखते हुए कई जगहों पर प्रतिमा विसर्जन रोक दिया गया।
महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम मृतक के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं। चार महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी। मृतक के परिवार के सदस्यों की मांग है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। थाना प्रभारी और पुलिस चौकी के प्रभारी को निलंबित किया जाना चाहिए।’’
रविवार को हुई हिंसा की शुरुआत देवी दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान लाउडस्पीकर से संगीत बजाने को लेकर विवाद के कारण हुई। रेहुआ मंसूर गांव के राम गोपाल मिश्रा शोभा यात्रा में शामिल थे, तभी उन्हें गोली लग गई।
मिश्रा के एक परिजन ने बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया। फखरपुर कस्बे और कुछ अन्य जगहों पर शोभा यात्रा रोक दी गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा की निंदा की है और प्रशासन को धार्मिक संगठनों से संवाद करने और समय पर प्रतिमा विसर्जन का निर्देश दिया है।
उन्होंने पुलिस को विसर्जन स्थलों पर कर्मियों को तैनात करने का भी निर्देश दिया है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, सोमवार शाम तक स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इलाके में सुरक्षाबलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात कर दी गई थी और उपद्रवियों की तलाश में गहन खोज अभियान जारी है।
बयान के मुताबिक, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की कुल 12 कंपनियां, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की दो कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की एक कंपनी के साथ-साथ गोरखपुर जोन से अतिरिक्त पुलिस बल को जिले की निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए चार आईपीएस अधिकारियों, दो एएसपी और चार पुलिस क्षेत्राधिकारियों (सीओ) को भी तैनात किया है।
बयान में बताया गया कि पुलिस और सुरक्षा बल जिले के हर कोने पर नजर रख रहे हैं और लोगों को अफवाहों या भ्रामक सूचनाओं से सावधान रहने की सलाह दी गई है।
भाषा आनन्द जफर