जम्मू-कश्मीर चुनाव : राजनीतिक परिवारों के कम से कम 13 सदस्य विधायक चुने गए
जोहेब नरेश
- 13 Oct 2024, 04:50 PM
- Updated: 04:50 PM
श्रीनगर, 13 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में कम से कम 13 नवनिर्वाचित विधायक ऐसे राजनीतिक परिवारों से आते हैं जिनके सदस्य पहले भी चुनाव जीत या चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे विधायकों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक सबसे ज्यादा हैं।
विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है।पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था।
मुख्यमंत्री पद के लिए नामित उमर अब्दुल्ला अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के विधायक हैं। उनके पिता फारूक अब्दुल्ला और दादा शेख मुहम्मद अब्दुल्ला दोनों ही विधायक तथा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा श्रीनगर के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं। हालांकि उनके दादा गुलाम मोहिउद्दीन कर्रा कभी विधायक नहीं रहे, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस में उनका काफी प्रभाव था। उन्होंने 1954 में शेख मुहम्मद अब्दुल्ला से अलग होकर अपनी पार्टी - पॉलिटिकल कॉन्फ्रेंस बना ली थी।
जेकेपीसीसी प्रमुख पहले विधायक रह चुके हैं। वह 2014 में श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य बने थे, लेकिन घाटी में 2016 में अशांति के दौरान स्थानीय निवासियों की हत्याओं के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि, दूसरी पीढ़ी के राजनेताओं में जिस व्यक्ति का राजनीतिक भविष्य उज्ज्वल होने की उम्मीद है, वह हैं सलमान सागर, जो हजरतबल सीट से चुनाव जीते हैं।
सलमान सागर के पिता अली मोहम्मद सागर विधानसभा में सत्ता पक्ष की अगली पंक्ति में बैठेंगे, जिन्होंने लगातार सातवीं बार विधायक के रूप में जीत दर्ज की है । वह दो बार पूर्ववर्ती बटमालू सीट से और पांच बार खानयार क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं।
कश्मीर की जनजातीय राजनीति में अहम नेता मियां अल्ताफ अहमद (67)फिलहाल अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं। कंगन क्षेत्र से उनके बेटे मियां मेहर अली चुनाव जीते हैं।
मियां अल्ताफ अहमद के एक और रिश्तेदार इस बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। उनके साले जफर अली खटाना कोकरनाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं, जिसे 2022 में परिसीमन के बाद अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद अकबर लोन के बेटे हिलाल अकबर लोन सोनावारी सीट से चुनाव जीते हैं। मोहम्मद अकबर लोन 2002 से 2018 तक तीन बार सोनावारी सीट से विधायक रहे हैं।
पूर्व विधायक सादिक अली के पुत्र व नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक जदीबल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं जबकि उरी से पार्टी के विधायक चुने गए सज्जाद शफी पूर्व शिक्षा मंत्री मोहम्मद शफी उरी के पुत्र हैं।
सोपोर विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर जीत हासिल करने वाले इरशाद रसूल कर कांग्रेस के दिग्गज नेता और जेकेपीसीसी के प्रमुख गुलाम रसूल कर के बेटे हैं।
श्रीगुफवारा-बिजबेहरा से विधायक बशीर अहमद वीरी पूर्व मंत्री अब्दुल गनी शाह वीरी के बेटे हैं जबकि लाल चौक से विधायक शेख अहसान अहमद पूर्व विधान परिषद सदस्य शेख गुलाम कादिर परदेसी के बेटे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी)-कांग्रेस गठबंधन के अलावा, त्राल विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले पीडीपी के विधायक रफीक अहमद नाइक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता अली मोहम्मद नाइक के बेटे हैं और लंगेट के विधायक खुर्शीद अहमद शेख बारामूला से लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद के भाई हैं।
भाषा जोहेब