महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से ‘गैर-क्रीमी लेयर’ की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का आग्रह किया
पारुल पवनेश
- 10 Oct 2024, 09:17 PM
- Updated: 09:17 PM
मुंबई, 10 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को फैसला किया कि वह केंद्र सरकार से ‘गैर-क्रीमी लेयर’ के लिए आय सीमा मौजूदा आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का अनुरोध करेगा।
यह फैसला राज्य में अगले महीने प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले आया है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण का लाभ हासिल करने के लिए गैर-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। यह प्रमाणपत्र प्रमाणित करता है कि उक्त व्यक्ति की पारिवारिक आय निर्धारित सीमा से कम है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए एक मसौदा अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई।
बयान के अनुसार, यह अध्यादेश विधानमंडल के अगले सत्र में पेश किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग के लिए 27 पद स्वीकृत किए गए हैं।
बयान के मुताबिक, बैठक में हिंगोली जिले में स्थित बालासाहेब ठाकरे हल्दी अनुसंधान केंद्र के लिए 709.27 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मंजूर की गई।
इसमें कहा गया है कि बैठक में गैर-लाभकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल के राज्य के सभी 57 सरकारी अस्पतालों में शौचालय और विश्राम कक्ष बनाने संबंधी प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई।
बयान के अनुसार, कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि मुंबई के बोरीवली उपनगर में स्थित अक्से और मालवानी में सरकारी जमीन धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए दी जाएगी और 140 एकड़ में फैले इन क्षेत्रों में अयोग्य झुग्गीवासियों को आवास प्रदान किया जाएगा।
बयान के मुताबिक, मंत्रिमंडल ने जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दे दी, जो मुंबई-नागपुर समृद्धि कॉरिडोर से जुड़ा होगा। इसमें कहा गया है कि कैबिनेट बैठक में सावनेर, कणकवली, राजापुर, अंबरनाथ, जिहे कथापुर और लातूर के लिए सिंचाई परियोजनाएं मंजूर की गईं।
बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि राज्य में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को डे-केयर सेंटर शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, नागपुर में बालासाहेब ठाकरे गोरेवाड़ा अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर में अफ्रीकी सफारी शुरू की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि डीएड डिग्री धारी मदरसा शिक्षकों का मानदेय 6,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा, जबकि बीए, बीएड, बीएससी डिग्री वाले शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
भाषा
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