कांग्रेस हरियाणा में हार के कारणों का पता लगाने के लिए बनाएगी तथ्यान्वेषी समिति
रंजन
- 10 Oct 2024, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में ‘‘अप्रत्याशित हार’’ के कारणों के बारे में पता करने के लिए जल्द ही एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन करेगी।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की इस चुनाव से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में यह निर्णय किया गया।
खरगे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर हुई इस समीक्षा बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने वाले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कोषाध्यक्ष अजय माकन तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दो अन्य पदाधिकारी थे। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े क्योंकि वह पिछले कुछ सप्ताह से अस्वस्थ हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में खरगे और राहुल गांधी को चुनावी नतीजों की विस्तृत जानकारी दी गई और कई जगहों से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से जुड़ी शिकायतों का भी उल्लेख किया गया।
बैठक की जानकारी रखने वाले एक नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हरियाणा विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के कारणों का पता करने के लिए जल्द ही एक तथ्यान्वेषी समिति गठित होगी। यह समिति प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं तथा उम्मीदवारों से बात करेगी और फिर अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंपेगी।’’
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी इस चुनाव परिणाम के कारणों के तह तक जाने और जवाबदेही तय करने को लेकर गंभीर हैं।
इस बैठक के बाद माकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस बैठक में हरियाणा के चुनाव नतीजों की समीक्षा की गई। आप लोग (मीडिया) भी इस बात को मानते होंगे कि नतीजे अप्रत्याशित थे। एग्जिट पोल और असल नतीजों में जमीन और आसमान का फर्क था। अलग-अलग कारण क्या हो सकते हैं, इस पर चर्चा की गई।’’
उनका कहना था कि आगे के कदमों की जानकारी बाद में दी जाएगी।
इस बैठक में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा के नहीं शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर माकन ने कहा कि जिनको बुलाया गया था, वो सभी आए थे।
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम से जुड़ी शिकायतों के बारे में बुधवार को निर्वाचन आयोग को अवगत कराया था और इनकी जांच की मांग की थी।
मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से यह आग्रह भी किया था कि उन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जांच पूरी होने तक सील करके सुरक्षित रखा जाए, जिनको लेकर सवाल उठे हैं।
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘अप्रत्याशित’ और ‘लोक भावना के खिलाफ’ करार देते हुए मंगलवार को कहा था कि इस जनादेश को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि राज्य में ‘तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार’ हुई है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया था कि कई विधानसभा क्षेत्रों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं तथा जिन ईवीएम की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है, लेकिन जिनकी बैट्री 60-70 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है।
इसी साल जून में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई पहली बड़ी सीधी लड़ाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 48 सीट पर जीत दर्ज की जबकि 2019 में उसे 41 सीट मिली थी। कांग्रेस को 37 सीट पर संतोष करना पड़ा।
भाषा हक हक