सैमसंग ने कर्मचारियों की अधिकांश मांगें मानी : तमिलनाडु सरकार
राजेश राजेश पाण्डेय
- 09 Oct 2024, 10:22 PM
- Updated: 10:22 PM
चेन्नई, नौ अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को कहा कि सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स ने नौ सितंबर को हड़ताल करने वाले कर्मचारियों की अधिकांश मांगें मान ली हैं और कर्मचारियों से तुरंत काम पर लौटने का अनुरोध किया है।
इसी से जुड़े एक घटनाक्रम में, मंगलवार रात को हड़ताल में शामिल कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और बाद में मजिस्ट्रेट ने उन्हें 'अपने निजी मुचलके पर' रिहा कर दिया।
सैमसंग के कर्मचारियों की एक प्रमुख मांग थी कि उनकी यूनियन के पंजीकरण की अनुमति दी जाए, जिसे सीपीआई (एम) से संबद्ध सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) का समर्थन प्राप्त है। इस मांग को अभी तक अधिकारियों ने स्वीकार नहीं किया गया है।
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनी सैमसंग के अपने नियम हैं। विवाद का एकमात्र मुद्दा कर्मचारी संघ का पंजीकरण है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सैमसंग का कहना है कि वे किसी राजनीतिक संबद्धता वाले यूनियन को स्वीकार नहीं करेंगे। यह उनका रुख है। फिलहाल, इस पर चर्चा चल रही है।’’
वित्त मंत्री थंगम थेनारासु के अनुसार, सैमसंग द्वारा आपत्ति जताए जाने के मद्देनजर मामला अभी न्यायालय में है कि यूनियन को किसी राजनीतिक संबद्धता के समर्थन में होना चाहिए या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘सीटू ने 30 सितंबर को न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए हम इस पर चर्चा नहीं कर सकते। श्रम विभाग न्यायालय के फैसले के अनुसार कार्रवाई करेगा।’’
थेनारासु ने कहा कि सैमसंग ने अक्टूबर से कर्मचारियों को हर महीने विशेष प्रोत्साहन के रूप में 5,000 रुपये की अतिरिक्त राशि देने का फैसला किया है और यदि किसी कर्मचारी की ड्यूटी पर मृत्यु हो जाती है तो एक लाख रुपये की राहत प्रदान की जाएगी।
कर्मचारियों को वातानुकूलित बसों में सुविधा केंद्र तक पहुंचाया जाएगा और वे छुट्टियों की मौजूदा सूची के अलावा पारिवारिक समारोहों में भाग लेने के लिए छुट्टी भी ले सकेंगे।
इस बीच, सीटू के पदाधिकारी ई मुथुकुमार ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर आरोप लगाया कि सात लोगों को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), तमिलनाडु ने आग्रह किया कि राज्य में औद्योगिक विवाद का जल्द से जल्द सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जाए।
भाषा राजेश राजेश