दिल्ली के विकासपुरी में तेजाब हमले में तीन शरणार्थी घायल, स्थानीय व्यक्ति गिरफ्तार
खारी अविनाश
- 09 Oct 2024, 08:15 PM
- Updated: 08:15 PM
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी इलाके में एक स्थानीय निवासी ने एक सीरियाई शरणार्थी, उसके बेटे तथा सूडानी नागरिक पर तेजाब से हमला कर दिया जिससे वे झुलस गए। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार यह घटना 30 सितंबर को विकासपुरी स्थित संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचआरसी) कार्यालय के पास हुई।
उसने बताया कि दोनों लोगों को अस्पताल से उसी दिन छुट्टी दे दी गई लेकिन बच्चे की छाती, गर्दन और आंखें 10 प्रतिशत तक झुलस गई थीं इसीलिए उसे अस्पताल में भर्ती किया गया।
पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस मामले में स्थानीय निवासी राकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्राथमिकी में पीड़ितों की पहचान 11 माह के इब्राहिम, उसके पिता रफ्त अबमोहिमिद और नबील उमर अकबर के रूप में की गई है।
सफदरजंग अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, ‘‘बच्चे को बाह्य रोगी विभाग में लाया गया था। चूंकि वह दस प्रतिशत तक झुलस गया था इसीलिए उसे एक सप्ताह तक गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया। उपचार के बाद पांच अक्टूबर को उसे आईसीयू से वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। बच्चे को आज छुट्टी दे दी गई। वह पट्टी के लिए सप्ताह में दो बार आएगा।’’
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विचित्र वीर ने बताया कि 30 सितंबर को शरणार्थियों और स्थानीय निवासियों के बीच विवाद के दौरान राकेश कुमार ने तीन शरणार्थियों और उनके तंबू पर कुछ रसायन फेंक दिया।
मारपीट और उसके बाद तेजाब से हमले की घटना सीसीटीवी में रिकार्ड हो गई जिसकी फुटेज पुलिस ने बरामद कर ली है। प्राथमिकी में कहा गया कि हमलावर के साथ दो और लोग थे।
वीर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में रसायन फिनाइल प्रतीत हो रहा है लेकिन जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि यह कौन सा रसायन है।
पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि रफ्त पिछले कुछ वर्षों से भारत में रह रहे हैं और दो साल पहले अपनी पत्नी और बेटे इब्राहिम के साथ बेंगलुरु से दिल्ली आ गए थे।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि शरणार्थी काम और आश्रय की तलाश में अक्सर विकासपुरी स्थित यूएनएचआरसी कार्यालय आते हैं। इतना ही नहीं, वे अक्सर नारेबाजी करते हैं जिस पर कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई है।
बयान में कहा गया, ‘‘शरणार्थी अक्सर वहां काम और आश्रय की तलाश में जाते हैं। कई बार नारेबाजी भी करते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उस दिन भी शरणार्थियों और वहां तैनात सुरक्षा गार्ड के बीच तीखी बहस हुई, जिसके कारण यह विवाद हुआ।’’
दक्षिण दिल्ली के गैर सरकारी संगठन ‘ब्रेव सोल्स फाउंडेशन’ ने घटना के बाद रफ्त और उसके बेटे की मदद की है। यह संगठन तेजाब हमलों का सामना कर चुके लोग संचालित करते हैं।
एनजीओ की संस्थापक शाहीन मलिक ने कहा कि पुलिस की ओर से कमजोर धाराओं में मामला दर्ज करना दर्शाता है कि वे शरणार्थियों के प्रति कितने असंवेदनशील हैं।
घटना के संबंध में विकासपुरी थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 124(2) (तेजाब से हमला) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भाषा खारी