नायब सिंह सैनी: भाजपा की रणनीति काम कर गई
नरेश नरेश माधव
- 08 Oct 2024, 05:36 PM
- Updated: 05:36 PM
चंडीगढ़, आठ अक्टूबर (भाषा) हरियाणा विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने कद्दावर नेता मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग के और सुर्खियों से परे रहने वाले नायब सिंह सैनी को प्रदेश की सत्ता की कमान सौंपी थी। उस समय भाजपा आलाकमान के इस फैसले ने जनता के साथ ही राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया था।
मंगलवार को आए विधानसभा चुनाव परिणामों ने हालांकि साबित कर दिया कि भाजपा की यह रणनीति सफल रही । लोकसभा चुनाव में राज्य में फीके प्रदर्शन के बावजूद सैनी के नेतृत्व में पार्टी ने न केवल सफलता के झंडे गाड़े बल्कि राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर एक नया इतिहास लिख दिया।
हालांकि मतगणना से पूर्व एग्जिट पोल में कांग्रेस के पक्ष में भारी लहर बतायी जा रही थी।
मार्च में हरियाणा भाजपा अध्यक्ष पद से सैनी को ऐसे समय में मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नति मिली थी जब पार्टी खट्टर के साढ़े नौ साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी। इतना ही नहीं किसानों, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना, महंगाई और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्ष भाजपा सरकार को चारों ओर से घेरने में लगा था।
नायब सिंह सैनी को कुर्सी पर बैठे कुछ ही दिन हुए थे कि लेकसभा चुनाव की घोषणा के चलते लागू आदर्श आचार संहिता और फिर विधानसभा चुनावों की घोषणा के कारण सैनी को जनता का मूड बदलने के लिए केवल दो महीनों का ही समय मिला । लेकिन सैनी तुरंत काम में लग गए और उनकी कैबिनेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए।
इनमें से प्रमुख थे- सशस्त्र बलों में अपनी सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए हरियाणा अग्निवीर नीति, 2024 को मंजूरी देना और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10 और फसलें खरीदने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाना। इसके साथ ही हरियाणा 24 फसलें एमएसपी पर खरीदने वाला एकमात्र राज्य बन गया।
भाजपा ने 'हर घर गृहिणी योजना' के तहत 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का भी वादा किया। पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में और भी वादे किए गए - महिलाओं के लिए 2,100 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता, युवाओं के लिए दो लाख सरकारी नौकरियां और हरियाणा के अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों की गारंटी।
भाजपा ने मतदाताओं को हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में चुनावी वादों को पूरा करने में कांग्रेस की ‘विफलता’ के बारे में भी बताया।
एग्जिट पोल को कोई तव्वजो नहीं देते हुए सैनी ने दावा किया था कि भाजपा हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा बरकरार रखेगी।
सैनी ने छह अक्टूबर को कहा था, ‘‘ आठ तारीख को जनता देगी जवाब, ये (कांग्रेस) कहेंगे, ईवीएम है खराब।’’
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, भाजपा 90 विधानसभा सीटों में से 49 पर आगे चल रही है, जिससे एक दशक के बाद राज्य की सत्ता में वापसी की कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
चुनाव आयोग के अनुसार, सैनी ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी मेवा सिंह के खिलाफ लाडवा विधानसभा सीट 16,054 वोटों के अंतर से जीत ली है।
अंबाला के मिर्ज़ापुर माजरा गांव में 25 जनवरी 1970 को जन्मे सैनी 2014 से 2019 के बीच खट्टर कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं।
पिछले तीन दशक में सैनी राज्य भाजपा में तेजी से उभरे। वह हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और महासचिव के पद पर रहे। वह 2002 में राज्य भाजपा युवा शाखा के अंबाला जिले के महासचिव थे और तीन साल बाद जिला अध्यक्ष बने।
वह 2014 में नारायणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के लिए और 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा के लिए चुने गए।
पार्टी द्वारा ओबीसी समुदाय और गैर-जाटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में अक्टूबर 2023 में सैनी को हरियाणा भाजपा प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया।
मुख्यमंत्री पद पर उनकी पदोन्नति भी खट्टर के समान ही थी।
भाजपा ने 2014 में अपने दम पर सत्ता में आने के बाद राम बिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ जैसे पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री पद के लिए करनाल से पहली बार विधायक बने खट्टर को चुना था। खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं।
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