नीट-यूजी 2024 के लीक प्रश्नपत्र पाने के लिए 144 अभ्यर्थियों ने रकम अदा की थी: सीबीआई
वैभव माधव
- 07 Oct 2024, 09:14 PM
- Updated: 09:14 PM
नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 144 अभ्यर्थियों की पहचान की है जिन्होंने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने से कुछ घंटे पहले नीट-यूजी के लीक और हल प्रश्नपत्र पाने के लिए कथित तौर पर पैसे दिए थे। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने पिछले सप्ताह दाखिल अपने तीसरे आरोप पत्र में पंकज कुमार का नाम दर्ज किया है जिसने झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्राचार्य अहसानुल हक और उप प्राचार्य मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ मिलीभगत करके स्कूल से प्रश्नपत्र चुराए थे।
उन्होंने बताया कि अपराध कथित रूप से उस समय किया गया जब बैंक वॉल्ट से प्रश्नपत्र लेकर ट्रंक पांच मई को सुबह आठ बजे के बाद स्कूल पहुंचे थे जिस दिन परीक्षा होनी थी।
हक हजारीबाग के शहर समन्वयक थे और आलम को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- स्नातक (नीट यूजी) 2024 आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया था।
आरोप पत्र में 5,500 पन्ने हैं जिसमें 298 गवाहों, 290 दस्तावेजों और 45 भौतिक वस्तुओं के आधार पर निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए हैं, तथा पेपर लीक करने वाले गिरोह के काम करने के तरीके का विस्तृत विवरण दिया गया है।
उन्होंने बताया कि हक और आलम ने जमशेदपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर कुमार को कथित तौर पर उस कमरे में प्रवेश करने की इजाजत दी, जहां ट्रंक रखे हुए थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि कुमार ने प्रश्नपत्र वाले ट्रंक के कब्जों से छेड़छाड़ की, एक प्रश्नपत्र निकाला और इसके सभी पन्नों की तस्वीर ली। एजेंसी के अनुसार उसने प्रश्नपत्र वापस रखकर ट्रंक को फिर से सील कर दिया और कंट्रोल रूप से बाहर आ गया।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘पंकज ने ट्रंक को खोलने और सील करने के लिए एक अत्याधुनिक टूल किट का इस्तेमाल किया। इस टूल किट को सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से जब्त किया। स्कूल परिसर से निकलने के बाद, उसने प्रश्नपत्र की तस्वीरें अपने साथी सुरेंद्र कुमार शर्मा को दीं, जो राज गेस्ट हाउस, हजारीबाग में था।’’
मेडिकल के नौ छात्रों-करण जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, संदीप कुमार और अमित कुमार ने हजारीबाग के गेस्ट हाउस में इन प्रश्नपत्रों को हल किया।
इन हल प्रश्नपत्रों को कथित तौर पर स्कैन करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया था, जहां गिरोहों ने उन्हें प्राप्त किया, उन्हें प्रिंट किया और उन उम्मीदवारों को सौंप दिया, जिन्होंने परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले लीक और हल किए गए पेपर पाने के लिए भारी रकम का भुगतान किया था।
प्रवक्ता ने कहा, “केवल उन उम्मीदवारों को इन स्थानों में प्रवेश करने की अनुमति थी, जिन्होंने अग्रिम भुगतान किया था। उम्मीदवारों को बाद में दोपहर 12:15 बजे के बाद अपने परीक्षा केंद्रों के लिए जाने की अनुमति दी गई, लेकिन मुद्रित प्रतियां साथ ले जाने पर रोक लगा दी गई।”
अभ्यर्थियों के चले जाने के बाद गिरोह सदस्यों ने हल किए गए प्रश्नपत्रों को जला दिया। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जाने से पहले उम्मीदवारों की तलाशी ली गई थी और उन्हें इन स्थानों पर अपने मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी।
पटना के एक ऐसे ही छात्रावास में आधे जले हुए पेपर का एक टुकड़ा बरामद किया गया, जहां ये उम्मीदवार रह रहे थे।
सीबीआई ने कहा कि उसने इन स्थानों पर मौजूद रहे 144 उम्मीदवारों की भी पहचान की है जो इस पेपर लीक के लाभार्थी थे और उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है।
एजेंसी ने कहा, ‘‘इस मामले में मुख्य आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए 21 मोबाइल फोन भी सीबीआई ने गोताखोरों की मदद से विभिन्न जलाशयों से बरामद किए हैं।’’
केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्य साजिशकर्ताओं और प्रश्नपत्र हल करने वालों सहित 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनमें से 40 के नाम एजेंसी द्वारा अब तक जमा किए गए तीन आरोप पत्रों में दर्ज हैं।
भाषा वैभव