इमरान खान की पार्टी ने लिया सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया
योगेश रंजन
- 06 Oct 2024, 08:15 PM
- Updated: 08:15 PM
सज्जाद हुसैन
इस्लामाबाद, छह अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने प्रदर्शनकारी नेता अली अमीन गंडापुर के रहस्यमय ढंग से लापता होने के बावजूद सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है, जिससे राजधानी इस्लामाबाद में दूसरे दिन भी स्थिति तनावपूर्ण रही।
खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने रातभर चली बैठक में फैसला किया कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक पार्टी संस्थापक खान अपने समर्थकों से इसे (प्रदर्शन) समाप्त करने के लिए नहीं कहते।
इस्लामाबाद और पड़ोसी रावलपिंडी में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जहां शनिवार को हिंसक झड़पें हुई थीं। हालांकि, रविवार को दोनों शहरों में हिंसा की कोई खबर नहीं आई, जिससे संकेत मिलता है कि स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
शुक्रवार को निलंबित की गई दोनों शहरों में मोबाइल फोन सेवाएं भी बहाल कर दी गई हैं। इस बीच, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर का पता नहीं चल पाया है। उनकी सरकार के प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि पार्टी और परिवार के सदस्य शनिवार शाम से उनसे कोई संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
सैफ ने शनिवार को पहले दावा किया था कि गंडापुर को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन बाद में सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री को औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया है।
‘डॉन अखबार’ के अनुसार खान की पार्टी की राजनीतिक समिति ने यह भी फैसला किया है कि अगर गंडापुर को गिरफ्तार किया जाता है तो पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम स्वाति विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे और अगर स्वाति को गिरफ्तार किया जाता है तो कमान संभालने के लिए एक नया नेता चुना जाएगा।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक इमरान खान ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। खान एक साल से अधिक समय से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं।
खान की पार्टी न्यायपालिका के साथ एकजुटता जताने और महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।
राजनीतिक समिति ने गंडापुर के लापता होने की भी आलोचना की। गंडापुर देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री हैं। समिति ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो इसके ‘गंभीर परिणाम’ होंगे।
इस बीच गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि गंडापुर पुलिस की हिरासत में नहीं है, जिससे उसके लापता होने का रहस्य और गहरा गया है।
उन्होंने कहा, "मैं पुष्टि करता हूं कि वह सरकार या सरकार की किसी अन्य संस्था की हिरासत में नहीं है।"
मंत्री ने कहा कि पुलिस गंडापुर की तलाश कर रही है जो किसी अज्ञात स्थान पर छिपे हुए हैं।
उन्होंने कहा, "पुलिस ने कुछ स्थानों पर छापे भी मारे, लेकिन वह नहीं मिला।"
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पहुंचने से पहले गंडापुर के खैबर पख्तूनख्वा स्थित घर से भागने की तस्वीरें मिली थीं।
खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतीय विधानसभा ने घोषणा की कि वह उनके लापता होने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए रविवार को अपना सत्र बुलाएगी।
नकवी ने यह भी कहा की कि प्रदर्शन के दौरान खैबर-पख्तूनख्वा पुलिस के 11 सादे वर्दीधारी कर्मियों सहित 564 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में 120 अफगान नागरिक भी शामिल हैं।
नकवी ने कहा कि उन्होंने इस बात की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं कि कैसे एक प्रांतीय पुलिस बल प्रदर्शनों में शामिल था और उसने अन्य पुलिस अधिकारियों पर हमला किया।
उन्होंने कहा कि शनिवार की झड़पों में इस्लामाबाद के 31 पुलिस कर्मी और पंजाब के 75 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
पुलिस ने रविवार को बताया कि लाहौर में खान की पार्टी के करीब 30 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें वकील भी शामिल हैं।
भाषा
योगेश