आतंकी संगठन के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई में असम से 10 लोग गिरफ्तार : हिमंत
सुभाष अविनाश
- 05 Oct 2024, 10:50 PM
- Updated: 10:50 PM
गुवाहाटी, पांच अक्टूबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि शनिवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के दौरान राज्य से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
देशभर में बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई के तहत, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पांच राज्यों - असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में 26 स्थानों पर छापेमारी की।
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज एनआईए के नेतृत्व में असम पुलिस ने एक इस्लामी आतंकी संगठन के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया।’’
कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी असम को कोई खतरा होता है, विपक्षी पार्टी ‘‘इस परिवेश’’ की रक्षा करते हुए सरकार का विरोध करती है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एनआईए और असम पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में ग्वालपाड़ा से नौ और होजई जिले से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘गिरफ्तार किये गए सभी लोग फिलहाल एनआईए की हिरासत में हैं। अभी जांच और कानूनी प्रक्रिया की जा रही है।’’
शर्मा ने एक कार्यक्रम से इतर कहा कि इन गिरफ्तारियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि असम को ‘‘कट्टरपंथी तत्वों’’ से खतरा वास्तविक है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं इन खतरों का जिक्र करता हूं तो लोगों का एक वर्ग अक्सर उपहास करता है, लेकिन यह बार-बार साबित हुआ है कि हम जो कह रहे हैं वह सच है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी एनआईए कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, असम से गिरफ्तारियां होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘असम में, यह सच्चाई है कि कट्टरपंथी ताकतें घुसपैठ कर चुकी हैं और हमें सतर्क रहना चाहिए।’’
शर्मा ने दावा किया कि कामरूप (महानगर) जिले के कचुटोली में अतिक्रमण-रोधी अभियान के दौरान अतिक्रमणकारियों द्वारा लगाये गए नारे साबित करते हैं कि ‘‘एक तरह का कट्टरपंथी प्रशिक्षण’’ दिया जा रहा है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘ग्वालपाड़ा और कोचुटोली घटनाओं में की गई गिरफ्तारियां इस बात का संकेत हैं कि राज्य के मूल निवासियों को अगले 10-15 वर्षों तक अनिश्चितता में रहना पड़ेगा। अगर यह जारी रहा तो हमारे लिए यहां रहना बहुत मुश्किल हो जाएगा।’’
कोचुटोली गांव में, हाल में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी।
भाषा सुभाष