बस मार्शल की बहाली के लिए आप मंत्री भाजपा विधायक के पैरों पर गिरे, आतिशी ने दिया कैबिनेट नोट
धीरज सुरेश
- 05 Oct 2024, 09:28 PM
- Updated: 09:28 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों के साथ शनिवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात की और बसों में मार्शल बहाल करने के लिए एक ‘कैबिनेट नोट सौंपा’। हालांकि, कुछ देर बाद ही सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी दल के बीच उस वक्त इस मुद्दे पर सहमति टूटती नजर आई जब आप नेताओं ने भाजपा पर ‘विश्वासघात’ करने का आरोप लगाया।
एक नाटकीय घटनाक्रम में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के पैरों पर गिर गए और उनसे अनुरोध किया कि वे आप नेताओं के साथ उपराज्यपाल के आवास पर चलें और बसों में मार्शल की बहाली पर सक्सेना की मंजूरी लें, जबकि मुख्यमंत्री अपनी कार छोड़कर भाजपा नेता की कार में बैठ गईं।
दोनों दलों के विधायकों के सक्सेना के आवास पर पहुंचने के बाद आप नेताओं ने भाजपा विधायकों पर आरोप लगाया कि इन्होंने उपराज्यपाल से कैबिनेट नोट पर हस्ताक्षर करने की बात नहीं की। उन्होंने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिन्हें बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
राज निवास के बाहर जब विरोध प्रदर्शन हो रहा था तब आतिशी उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास के भीतर थीं।
आतिशी ने उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद आरोप लगाया कि भाजपा ने बस मार्शल के साथ विश्वासघात किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले, भाजपा विधायक उपराज्यपाल से मिलने को तैयार नहीं थे, परंतु हम किसी तरह उन्हें अपने साथ लाने में कामयाब रहे। लेकिन यहां आने के बाद भी उन्होंने उपराज्यपाल से एक बार भी कैबिनेट नोट पर हस्ताक्षर करने के लिए नहीं कहा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भाजपा द्वारा किया गया विश्वासघात है और अब बस मार्शल को बहाल करने की जिम्मेदारी उन पर है।
पुलिस ने उपराज्यपाल आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे आप के मंत्रियों और विधायकों को यह कहते हुए हिरासत में ले लिया कि उनके पास इसके लिए कोई अनुमति नहीं थी।
हिरासत में लिये गए मंत्री भारद्वाज ने कहा, ‘‘भाजपा-उपराज्यपाल ने 10,000 बस मार्शल को धोखा दिया है। भाजपा विधायकों ने कहा था कि अगर आप कैबिनेट नोट पारित कर देती है तो वे उपराज्यपाल से बस मार्शल को बहाल करवा लेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उपराज्यपाल साहब ने कैबिनेट नोट पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उन्हें 10,000 बस मार्शल की बददुआ मिलेगी।’’
सार्वजनिक परिवहन बसों में मार्शल के रूप में तैनात 10,000 से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को पिछले वर्ष हटा दिया गया था, क्योंकि नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने आपत्ति जताई थी कि वे आपदा प्रबंधन कर्तव्यों के लिए नियुक्त हैं।
इससे पहले दिन में भाजपा विधायकों ने बस मार्शल की बहाली के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस मार्शल की बहाली पर नोट पारित करने के लिए मंत्रिमंडल की तत्काल बैठक होगी। उन्होंने भाजपा विधायकों से अपील की कि वे एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलकर नोट को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास ले जाएं।
आप नेताओं ने दावा किया कि मंत्रिमंडल द्वारा नोट पारित किए जाने के बाद भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल कार्यालय जाने से इनकार कर दिया और बैठक छोड़कर जाने का प्रयास किया।
भाषा धीरज