लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव ने श्रीनगर में चिनार कोर की कमान संभाली
जितेंद्र माधव
- 05 Oct 2024, 06:29 PM
- Updated: 06:29 PM
श्रीनगर, पांच अक्टूबर (भाषा) लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव ने शनिवार को श्रीनगर स्थित चिनार कोर की कमान संभाली। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चिनार कोर घाटी में आतंकवाद से मुकाबले के अलावा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लगी देश की सीमा का प्रबंधन भी करती है।
रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल श्रीवास्तव ने राजीव घई से कार्यभार ग्रहण किया। लेफ्टिनेंट जनरल घई सेना मुख्यालय में सैन्य संचालन के महानिदेशक का पदभार संभालेंगे।
जम्मू कश्मीर में 10 वर्षों के बाद हुए विधानसभा चुनावों के तहत मतदान पूरा होते ही कमान में यह बदलाव हुआ है।
कमान संभालने के बाद ले. जनरल श्रीवास्तव ने बादामी बाग छावनी स्थित चिनार युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कश्मीर के नागरिकों को भी हार्दिक शुभकामनाएं दीं और घाटी में शांति व समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नागरिक प्रशासन, समाज तथा नागरिकों के साथ विचारों व कार्यों में तालमेल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
चिनार कोर के नये कमांडर ने कहा कि नागरिक समाज और सुरक्षा बलों के एकीकृत प्रयास ही आतंकवादी ढांचे तथा विरोधियों के नापाक मंसूबों को खत्म करने का रास्ता है।
उन्होंने कहा, “कई प्रमुख कार्यक्रमों का सफल आयोजन, बेहतर सुरक्षा स्थिति और घाटी में विकास व स्थिर सुरक्षा स्थिति के प्रति लोगों की इच्छा स्पष्ट उत्साह का प्रमाण है।”
वरिष्ठ अधिकारी ने लोगों से सुरक्षा बलों के प्रयासों के साथ मिलकर कश्मीर को शांति और विकास के रास्ते पर ले जाने का आह्वान किया।
एक बयान के मुताबिक, ले. जनरल श्रीवास्तव ने 34 वर्ष के शानदार सैन्य करियर के दौरान अनेक प्रतिष्ठित पदों और जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र श्रीवास्तव को युद्ध का अच्छा अनुभव है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां उग्रवाद का स्तर बहुत अधिक है।
चिनार कोर की जिम्मेदारी मिलने से पूर्व वह अवंतीपोरा स्थित महत्वपूर्ण कमान ‘विक्टर फोर्स’ का नेतृत्व कर रहे थे। विक्टर फोर्स दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी प्रयासों की देखरेख करने वाली एक महत्वपूर्ण कमान है।
ले. जनरल श्रीवास्तव ने नौ जून 1990 को विशेष बलों की एक विशिष्ट पैराशूट बटालियन में कमीशन प्राप्त किया था।
उन्हें 2011 में सेना पदक से सम्मानित किया गया था।
भाषा जितेंद्र