बंगाल: दुर्गा पूजा में कैदियों को परोसे जाएंगे मटन बिरयानी और बसंती पुलाव
यासिर सुरेश
- 05 Oct 2024, 04:40 PM
- Updated: 04:40 PM
कोलकाता, पांच अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के बंदी सुधार गृह में प्राधिकारियों ने दुर्गा पूजा के दौरान कैदियों के लिए व्यंजन सूची में बदलाव करते हुए मटन बिरयानी, ‘बसंती पुलाव’ और कई अन्य बंगाली व्यंजन परोसने की योजना बनाई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यह योजना इसलिए बनाई गई है, ताकि कैदी खुद को उत्सव से वंचित महसूस न समझें।
अधिकारी ने कहा कि दोषी और विचाराधीन, दोनों तरह के कैदियों के लिए दोपहर तथा रात्रि के भोजन की बदली गई सूची षष्ठी (नौ अक्टूबर) से दशमी (12 अक्टूबर) तक प्रभावी रहेगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें हर त्योहार के दौरान कैदियों से बेहतर भोजन का अनुरोध प्राप्त होता है। इस साल हमने नई व्यंजन सूची बनाई है और हमें उम्मीद है कि इससे उनके चेहरों पर मुस्कान आएगी। मैं व्यक्तिगत रूप से इसे कैदियों में सुधार के लिए एक बहुत ही सकारात्मक कदम मानता हूं।’’
उन्होंने बताया कि कैदियों के लिए उपलब्ध कराये जाने वाले व्यंजनों में- ‘माछेर माथा दिए पुई शाक’ (मछली के सिर वाला भाग एवं मालाबार पालक), ‘माछेर माथा दिए दाल’ (मछली के सिर के साथ दाल), ‘लूची-चोलर दाल’ (पूड़ी और बंगाली चना दाल), ‘पायेश’ (बंगाली दलिया), चिकन करी, मटन बिरयानी के साथ ‘रायता’ और ‘बसंती पुलाव’ (पीला पुलाव) शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि कैदियों की धार्मिक भावना का सम्मान करते हुए सभी को मांसाहारी भोजन नहीं परोसा जाएगा तथा कैदियों को स्वयं भोजन चुनने के लिए कहा जाएगा।
शहर के सुधार गृहों में से एक, प्रेसीडेंसी जेल में फिलहाल पूर्व राज्य मंत्री पार्थ चटर्जी और ज्योति प्रिया मल्लिक तथा आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष बंद हैं।
चटर्जी पर स्कूल भर्ती घोटाले में शामिल होने का आरोप है, जबकि मल्लिक पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अनियमितता का आरोप है और घोष पर आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने एवं वित्तीय घोटाले का आरोप है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राज्य के 59 सुधार गृहों में कुल मिलाकर 26,994 पुरुष और 1,778 महिलाएं बंद हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हर बड़े आयोजन के लिए हम कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान व्यंजन सूची में यह परिवर्तन सभी सुधार गृहों में लागू किया जाएगा।
भाषा यासिर