असंवैधानिक तरीके से काम कर रहे हैं पीएसी प्रमुख वेणुगोपाल : निशिकांत दुबे
रवि कांत रवि कांत धीरज
- 05 Oct 2024, 08:02 PM
- Updated: 08:02 PM
नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सदस्य निशिकांत दुबे ने समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल पर केंद्र सरकार को बदनाम करने और देश के वित्तीय ढांचे तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए निरर्थक मुद्दे उठाने का आरोप लगाया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में वेणुगोपाल पर आरोप लगाया कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए एक 'टूल किट' के हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं।
दुबे ने वेणुगोपाल पर यह आरोप ऐसे समय में लगाए हैं जब ऐसी खबरें सामने आई हैं कि समिति सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच को तलब कर सकती है, जिन पर अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा पेशेवर अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं।
इस बीच, पीएसी ने देश के शीर्ष नियामक प्राधिकरणों के कामकाज की समीक्षा करने का निर्णय लिया है तथा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुखों को 24 अक्टूबर को बुलाया है।
दुबे ने नौ सितंबर को वेणुगोपाल के कथित 'असंवैधानिक और तिरस्कारपूर्ण' आचरण के खिलाफ बिरला को पत्र लिखा था। संयोगवश, पीएसी ने चार अक्टूबर को निर्णय लिया कि बुच को 24 अक्टूबर को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जाए।
दुबे के कड़े शब्दों वाले पत्र से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि समिति में बहुमत में मौजूद सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्य नियामक को मुश्किल में डालने के वेणुगोपाल के किसी भी कदम का विरोध कर सकते हैं।
दुबे ने वेणुगोपाल पर ‘‘असंवैधानिक और तिरस्कारपूर्ण’’ आचरण का आरोप लगाते हुए दावा किया कि लोकसभा चुनाव में मतदाताओं द्वारा कांग्रेस को विपक्ष में बैठने के लिए ‘‘मजबूर’’ किए जाने के बाद समिति के अध्यक्ष राजनीति से प्रेरित होकर कार्य कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने दुबे के इन आरोपों को लेकर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि वेणुगोपाल को कांग्रेस ने उन मुद्दों को उठाने के तरीके और साधन तैयार करने के लिए चुना है जो बेबुनियाद हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य सरकार को बदनाम करना और देश के वित्तीय ढांचे तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करना है।
दुबे ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देश, जो भारत के विकास को पचा नहीं पा रहे हैं, उन्होंने सेबी जैसे महत्वपूर्ण संगठनों को भ्रष्ट बताकर भारत की वित्तीय संरचना और अर्थव्यवस्था पर हमला करके इसे बदनाम करने के लिए एक 'टूल किट' तैयार किया है।
उन्होंने दावा किया कि हिंडनबर्ग जैसी विदेशी कंपनी द्वारा बुच के खिलाफ लगाए गए अपुष्ट आरोप इसी अभियान का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि इस ‘टूलकिट’ का 'इंडिया चैप्टर' सक्रिय हो गया है।
दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘इसने अपनी ताकत का इस्तेमाल किया, जैसा कि वर्तमान में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में के.सी. वेणुगोपाल द्वारा किया जा रहा है, ताकि सरकार को और अधिक बदनाम किया जा सके तथा हमारी अर्थव्यवस्था की वित्तीय संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया जा सके। इस बार भी, सेबी प्रमुख के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च नामक एक विदेशी संस्था द्वारा अपुष्ट आरोप लगाए गए हैं, जो देश के व्यापारिक घरानों, महत्वपूर्ण पदाधिकारियों और वित्तीय संस्थानों को निशाना बनाने के लिए कुख्यात है।’’
भाजपा नेता ने वेणुगोपाल पर 'सेबी प्रमुख के खिलाफ समिति द्वारा जांच की घोषणा करने का असंवैधानिक और तिरस्कारपूर्ण कार्य' करने का भी आरोप लगाया, जो उनके मुताबिक संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध है तथा संसदीय नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
दुबे ने बिरला से कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप श्री के.सी. वेणुगोपाल को उपरोक्त 'टूल किट' की कठपुतली बनने से रोकें और उन्हें लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग न करने दें।’’
भाजपा सांसद ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि लोक लेखा समिति का एकमात्र कार्य भारत सरकार के विनियोग खातों और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्टों की जांच तक ही सीमित है।
दुबे ने कहा कि न तो कैग ने सेबी प्रमुख के आचरण पर कोई रिपोर्ट प्रकाशित की है और न ही बाजार नियामक के इस पहलू का भारत सरकार के विनियोग खातों से कोई संबंध है।
उन्होंने आरोप लगाया कि समिति को कुछ ऐसे देशों के 'छिपे हुए टूल किट' बना दिया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुकरणीय नेतृत्व में पिछले दशक के दौरान भारत के तेजी से हुए विकास के विरोधी हैं।
सूत्रों ने बताया कि लोक लेखा समिति ने सेबी अध्यक्ष को अपने समक्ष उपस्थित होने के लिए बुलाया है, लेकिन अभी तक पूंजी बाजार नियामक से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि वह स्वयं बैठक में शामिल होंगी या अपना कोई प्रतिनिधि भेजेंगी।
हिंडनबर्ग ने पिछले वर्ष अदाणी समूह पर धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था।
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