बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों का धरना जारी, मांगें पूरी होने का इंतजार
यासिर शोभना
- 05 Oct 2024, 10:23 AM
- Updated: 10:23 AM
कोलकाता, पांच अक्टूबर (भाषा) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के विरोध में अपना ‘पूर्ण काम बंद’ अभियान वापस लेने के बाद भी शुक्रवार को आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने मध्य कोलकाता में पूरी रात धरना दिया।
चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि न्याय की मांग को लेकर आयोजित रैली के दौरान पुलिस ने कुछ आंदोलनकारियों पर लाठियां चलाईं थीं।
कनिष्ठ चिकित्सकों ने शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे राजकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में अपना ‘पूर्ण काम बंद’ अभियान वापस ले लिया था, साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार ने 24 घंटे के भीतर उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे आमरण अनशन करेंगे।
प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब आप किसी महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए लड़ते हैं तो यह उम्मीद नहीं कर सकते कि चीजें आसान होंगी। हमें राज्य सरकार से बेहतर बर्ताव की उम्मीद थी। पुलिस ने बेवजह लाठियां चलाईं और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, उसे इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक माफी नहीं मांगी जाती, हम धरना स्थल से नहीं उठेंगे।’’
प्रदर्शन के दौरान यातायात में व्यवधान उत्पन्न हुआ और डोरीना क्रॉसिंग पर प्रदर्शन स्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
प्रदर्शनकारी राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने, स्वास्थ्य विभाग में कथित प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेही तय करने समेत कुल नौ मांग कर रहे हैं।
इससे पूर्व कनिष्ठ चिकित्सकों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को सहकर्मी चिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या के विरोध में 42 दिन तक काम बंद किया था।
हालांकि राज्य के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने 21 सितंबर को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी तथा सुरक्षा और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवश्यक सेवाएं बहाल कर दीं।
भाषा यासिर