उत्तर प्रदेश : अमेठी में परिवार की हत्या के मामले पर विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
जफर जितेंद्र
- 04 Oct 2024, 04:03 PM
- Updated: 04:03 PM
लखनऊ, चार अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार को अमेठी में एक दलित परिवार के चार सदस्यों की घर में घुसकर हत्या के मामले में कानून- व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधा।
अमेठी में सरकारी स्कूल के शिक्षक सुनील कुमार (35), उनकी पत्नी पूनम (32) और बेटी दृष्टि (छह) और सुनी (एक) की बृहस्पतिवार शाम अहोरवा भवानी इलाके में उनके किराए के घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
विपक्ष ने दलित परिवार के साथ हुई इस घटना की निंदा की।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ‘एक्स’ पर कहा, “यूपी के अमेठी जिले में एक दलित परिवार के चार लोगों की एक साथ की गयी निर्मम हत्या की घटना अति-दुखद व चिन्ताजनक है। सरकार दोषियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए ताकि अपराधी बेखौफ न रहें।”
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि योगी सरकार की खराब कानून-व्यवस्था में व्यक्ति घर के अंदर भी सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “अमेठी में घर के अंदर पति-पत्नी और दो मासूम बच्चों का कत्ल होना बता रहा है कि योगी सरकार के लचर कानून व्यवस्था में अब घर के अंदर भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है।”
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज मिट्टी में मिल चुका है। गुंडे-मवालियों, दबंगों और बदमाशों के आतंक का झंडा यूपी में शान से लहरा रहा है और इस आतंक को खत्म करने की दिशा में सरकार का कोई कदम दिखाई नहीं दे रहा है।
राय ने कहा, “योगी सरकार को जवाब देना चाहिए कि उत्तर प्रदेश को अब और कितना बदतर बनाया जाएगा?”
राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने घटना की निंदा की।
पूर्व मंत्री ने कहा, “मैं इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ हूं। मैं चार हत्याओं के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करता हूं।”
आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “अमेठी की घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नही बल्कि जंगलराज है।अमेठी जिले में पूरे परिवार की हत्या उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की असली तस्वीर है, कि सच क्या है और प्रचार क्या है। सच यह है कि उत्तर प्रदेश में दलितों के जीवन की कोई गारंटी नही है, कल किसका नंबर होगा पता नही, और प्रचार यह है कि कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है।”
उन्होंने कहा कि घर में घुसकर पूरे परिवार की गोलीमार कर सामूहिक हत्या करने की घटना अति दुखद और दण्डनीय होने के साथ-साथ यह संकेत दे रही है कि दलितों की सुरक्षा दयनीय स्थिति में है और उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती।
आजाद ने कहा कि अगर पुलिस-प्रशासन पूनम भारती की डेढ़ महीना पहले छेड़खानी और जान से मारने की धमकी की शिकायत पर कार्रवाई करता तो आज चार जान नहीं जाती।
आजाद ने कहा, “इस सामूहिक हत्याकांड के लिए पुलिस-प्रशासन की असंवेदनशीलता भी जिम्मेदार है।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को घटना पर दुख जताया था और ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘अमेठी में हुई घटना घोर निंदनीय और अक्षम्य है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में उप्र सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई होगी।
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था को लेकर बृहस्पतिवार को भाजपा नीत राज्य सरकार की आलोचना की थी।
भाषा जफर