अमेठी में दलित परिवार की हत्या; पिता बोले, ‘हत्यारों का भी यही हश्र देखना चाहता हूं’
सं जफर सुरभि खारी मनीषा
- 04 Oct 2024, 12:08 PM
- Updated: 12:08 PM
अमेठी (उप्र), चार अक्टूबर (भाषा) ‘‘मैं हत्यारों का भी यही हश्र देखना चाहता हूं’’ यह कहना है कि राम गोपाल का जिनके बेटे, बहू और दो पोतियों की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी।
सरकारी स्कूल के शिक्षक सुनील कुमार (35), पत्नी पूनम (32) और उनकी दो बेटियां दृष्टि (छह) और सुनी (एक) की बृहस्पतिवार शाम अहोरवा भवानी क्षेत्र में उनके किराए के घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
राम गोपाल ने आरोप लगाया कि अगर पुलिस ने अगस्त में संदिग्ध चंदन वर्मा के खिलाफ उनकी बहू द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर कार्रवाई की होती तो यह सब नहीं होता।
दलित परिवार की हत्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया। वहीं घटना को लेकर विपक्षी नेताओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर तीखा हमला किया।
प्रारंभिक पुलिस जांच में पता चला है कि पूनम ने 18 अगस्त को रायबरेली में चंदन वर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत और छेड़छाड़ के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
शिकायत में यह भी कहा गया था, ‘‘अगर उसे या उसके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए चंदन वर्मा जिम्मेदार होगा।’’
अमेठी के पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा था कि इस बात की जांच की जा रही है कि हत्याएं इस मामले से जुड़ी हैं या नहीं।
सुनील अपने परिवार में कमाने वाला एकमात्र सदस्य था। शुक्रवार को उनके पिता राम गोपाल ने कहा, ‘‘हत्यारों का भी यही हश्र देखना चाहता हूं।’’
उन्होंने सरकार से आग्रह किया, ‘‘मेरे बेटे के चले जाने के बाद, मेरे पास कमाने वाला कोई नहीं है। मेरी उम्र 60 साल से ज्यादा है। मेरा एक और बेटा है जो अलग रहता है। अगर उसे नौकरी मिल जाए, तो अच्छा रहेगा।’’
राम गोपाल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह सब कैसे हुआ क्योंकि उनका बेटा अमेठी में काम करता था और वहीं रहता था जबकि चंदन वर्मा रायबरेली जिले के एक गांव में रहता है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि चंदन वर्मा कौन है?
यहां शवगृह के बाहर संवाददाताओं से उन्होंने कहा, ‘‘मैं हरिजन हूं और मुझे नहीं पता कि वह किस जाति का है।’’
उन्होंने बताया कि एक बार उनकी बहू ने उनसे कहा था कि उसने वर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन मामले में कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्रवाई की गई होती तो आज यह नौबत नहीं आती
उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे, बहू और दो पोतियों की हत्या के पीछे वही लोग थे या नहीं।
इस बीच, चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने वीडियोग्राफी के साथ अमेठी में शवों का पोस्टमार्टम किया। बाद में राम गोपाल शवों को रायबरेली के ऊंचाहार स्थित अपने पैतृक गांव सुदामापुर ले गए।
अमेठी के पुलिस प्रमुख अनूप कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए पुलिस की पांच टीम बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भाषा सं जफर सुरभि खारी