हरियाणा विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी
आशीष माधव
- 03 Oct 2024, 08:21 PM
- Updated: 08:21 PM
(फोटो के साथ)
चंडीगढ़, तीन अक्टूबर (भाषा) हरियाणा में विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका देते हुए उसके वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर बृहस्पतिवार को महेंद्रगढ़ जिले में राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस में शामिल होने से कुछ घंटे पहले सिरसा के पूर्व सांसद तंवर ने सफीदों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था और मतदाताओं से भाजपा को तीसरी बार सत्ता में वापस लाने का आह्वान किया।
सूत्रों ने बताया कि तंवर दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के संपर्क में थे और एक दिन पहले ही उनकी पार्टी में वापसी की राह तैयार हुई।
जैसे ही गांधी अपना भाषण समाप्त कर रहे थे, मंच से एक घोषणा की गई जिसमें उपस्थित लोगों से कुछ मिनट प्रतीक्षा करने को कहा गया। इसके तुरंत बाद तंवर (48) मंच पर आए और घोषणा की गई कि ‘‘आज उनकी घर वापसी हो गई है।’’
तंवर को एक समय राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। दलित समुदाय के नेता तंवर की कांग्रेस में वापसी से पार्टी को मजबूती मिलने की संभावना है।
तंवर इस वर्ष की शुरुआत में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद 2019 में पार्टी छोड़ दी थी। पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शाम छह बजे समाप्त होने से कुछ घंटे पहले वह पार्टी में शामिल हुए।
कांग्रेस में शामिल होने से कुछ घंटे पहले तंवर ने भाजपा उम्मीदवार राजकुमार गौतम के समर्थन में सफीदों में एक रैली को संबोधित किया था।
तवंर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आज सफीदों (जींद) से भाजपा प्रत्याशी राजकुमार गौतम के पक्ष में आयोजित जन आशीर्वाद रैली में उपस्थितजनों को संबोधित किया व पांच अक्टूबर को कमल के फूल का बटन दबाकर भाजपा के प्रत्याशियों को विजयी बनाने की अपील की। हरियाणावासी तीसरी बार नॉन स्टॉप विकास वाली भाजपा सरकार को आशीर्वाद देने जा रहे हैं।’’ बाद में तंवर ने इस पोस्ट को हटा दिया।
तंवर ने कांग्रेस में वापसी के अपने फैसले को ‘‘ईश्वर की इच्छा’’ बताया। तंवर ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सब परिस्थितियों, नियति और लोगों की इच्छा पर निर्भर करता है। जो बीत गई सो बात गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस छोड़ने के ठीक पांच साल बाद इसमें शामिल हो रहा हूं। तब भी यही ईश्वर की इच्छा थी, आज भी यही ईश्वर की इच्छा है...कभी-कभी, आपके हाथ में बहुत कुछ नहीं होता।’’
भावरिया में रैली में तंवर ने गांधी से हाथ मिलाया और हुड्डा का अभिवादन किया, जिन्होंने उनका पार्टी में स्वागत किया और उनकी पीठ थपथपाई। कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल, बजरंग पुनिया, राव दान सिंह और राजनीति विज्ञानी योगेन्द्र यादव भी मंच पर मौजूद थे।
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने तंवर के साथ किए गए व्यवहार को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और हुड्डा के साथ उनके मतभेदों तथा दिल्ली में उनके और पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थकों के बीच कथित तौर पर हुई धक्कामुक्की के दौरान उनके घायल होने की घटना का हवाला दिया।
तंवर अप्रैल 2022 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए थे। आप में शामिल होने से पहले वह कुछ समय के लिए तृणमूल कांग्रेस में भी रहे थे।
भाजपा में शामिल होने के बाद तंवर ने मई में सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। भाजपा ने सिरसा से निवर्तमान सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर तंवर को मुकाबले में उतारा था।
भाषा आशीष