दिल्ली: पूर्व बस मार्शलों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर उपराज्यपाल के आवास के बाहर किया प्रदर्शन
प्रीति अमित
- 03 Oct 2024, 10:14 PM
- Updated: 10:14 PM
नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की बसों में मार्शल के रूप में तैनात रहे लोगों ने नौकरी बहाल करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल के आवास के पास प्रदर्शन किया।
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत के साथ-साथ पार्टी के अन्य विधायक भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
पुलिस ने भारद्वाज और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं के साथ कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।
भारद्वाज ने मामले को सुलझाने में हो रही देरी की आलोचना करते हुए कहा कि मार्शलों को राजनीतिक दलों के बीच ‘फुटबॉल’ की तरह नहीं समझा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यहां हैं। अब हम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के यहां आने और समर्थन देने का इंतजार कर रहे हैं।’’
‘आप’ ने इससे पहले दिन में भाजपा पर राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व बस मार्शलों की नौकरी बहाली संबंधी फैसले से पलटने का आरोप लगाया।
दिल्ली विधानसभा में हाल में हुए दो दिवसीय सत्र में बस मार्शल की सेवा समाप्ति के मुद्दे पर ‘आप’ और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें दोनों ही पक्षों ने उनकी नौकरी बहाल करने के प्रस्ताव का समर्थन किया।
दिल्ली विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार, आप और भाजपा के सभी विधायक बस मार्शल की नौकरी बहाली के लिए बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे उपराज्यपाल से मिलने वाले थे। हालांकि, ऐसी कोई बैठक नहीं हुई।
आप ने उपराज्यपाल कार्यालय पर उनके अनुरोध को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि उन्होंने इस संबंध में उपराज्यपाल को पत्र लिखा था लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
आम आदमी पार्टी ने कहा, ‘‘दिल्ली विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली के सभी विधायकों को बस मार्शलों की बहाली के लिए आज उपराज्यपाल से मिलना था, लेकिन न तो उपराज्यपाल साहब ने मिलने का समय दिया और ना ही भाजपा विधायक पहुंचे।’’
आप ने कहा कि भाजपा और उनके उपराज्यपाल को यह ‘घटिया राजनीति’ बंद करनी चाहिए और दिल्ली के बस मार्शलों को तुरंत बहाल करना चाहिए।
आरोपों पर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आप पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। भाजपा विधायक ने कहा कि जब आप नेताओं ने तीन अक्टूबर को उपराज्यपाल से मिलने का फैसला किया था तो समय क्यों नहीं पूछा?
गुप्ता ने ‘आप’ को ‘धोखेबाज पार्टी’ करार देते हुए दावा किया, ‘‘ ‘आप’ और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने खुद उपराज्यपाल से मिलने की तारीख तय की, लेकिन जब वक्त आया तो मुख्यमंत्री, मंत्री, आम आदमी पार्टी के विधायक और सभी नेता गायब हो गए।’’
उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने पिछले साल बस मार्शल के रूप में तैनात नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाएं समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके द्वारा स्वीकृत किए गए होमगार्ड के 10,000 से अधिक पदों के प्रस्ताव पर ऐसे स्वयंसेवकों की नियुक्ति पर विचार करने के लिए भी कहा था।
भाषा प्रीति