महात्मा गांधी स्वच्छता व सफाई में जन भागीदारी के पक्षधर थे : केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
शफीक अविनाश
- 02 Oct 2024, 09:16 PM
- Updated: 09:16 PM
(अदिति खन्ना)
लंदन, दो अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को गांधी जयंती पर लंदन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपिता की 155वीं जयंती के उपलक्ष्य में बापू के पसंदीदा भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ का गान भी किया गया।
भारतीय उच्चायोग और ‘इंडिया लीग’ द्वारा लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर स्थित गांधी प्रतिमा पर आयोजित वार्षिक भारतीय प्रवासी कार्यक्रम में स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा गांधी जी के शांति और अहिंसा के संदेश को व्यक्त करते हुए संबोधन दिए गए।
इस दिन को ‘अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाए जाने के अलावा मेघवाल ने 2014 में गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान की 10वीं वर्षगांठ पर भी प्रकाश डाला।
मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम अक्सर महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा जैसे महान विचारों के बारे में सुनते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि उनका एक और महान विचार स्वच्छता और सफाई में सार्वजनिक भागीदारी के बारे में था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गांधी जी का विचार सरल था : समाज में हम चाहे कहीं भी हों, ग्रह के किसी भी हिस्से में हों, हमें स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए... महात्मा गांधी ने दुनिया को इतना सरल और स्थायी संदेश दिया कि अपनी गंदगी को साफ करना हमारी खुद की जिम्मेदारी है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया उन्हें जानती है, जो दूसरों से अलग थे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि संयुक्त राष्ट्र ने महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने का फैसला किया।’’
इस मौके पर कैमडेन शहर के उप महापौर एडी हैन्सन ने विश्व भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के आंदोलनों के लिए प्रेरणास्रोत रहे महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन की उस यात्रा पर प्रकाश डाला, जिसके कारण उन्हें महात्मा का दर्जा प्राप्त हुआ।
दोरईस्वामी ने कहा, ‘‘उनका जीवन हम सभी के लिए एक सबक है कि अगर हम प्रयास करने का इरादा रखते हैं, अगर हम लोगों को समझने और अपने आस-पास के माहौल से सीखने की परवाह करते हैं, तो हम सभी के भीतर एक महात्मा मौजूद है।’’
भाषा
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