मणिपुर में जमीन को लेकर हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत, निषेधाज्ञा लागू
प्रशांत माधव
- 02 Oct 2024, 08:26 PM
- Updated: 08:26 PM
इंफाल, दो अक्टूबर (भाषा)‘स्वच्छता अभियान’ के तहत उखरुल शहर में एक भूखंड की सफाई को लेकर बुधवार को दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में ड्यूटी पर तैनात मणिपुर राइफल्स के एक कर्मी सहित तीन लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
झड़प के बाद निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और एक दिन के लिए शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। झड़प में पांच अन्य लोग घायल भी हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्ष नगा समुदाय से संबंध रखने वाले लेकिन अलग-अलग गांव के हैं तथा दोनों जमीन पर अपना दावा जताते हैं।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को जिले में भेजा जा रहा है।
झड़प शुरू होने के बाद, इसमें शामिल लोगों ने कई गोलियां चलाईं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।
मृतकों की पहचान वॉरिनमी थुमरा, रीलीवुंग होंग्रे और सिलास जिंगखाई के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि थुमरा मणिपुर राइफल्स का जवान था, जो राज्य सरकार के अधीन एक बल है और वह कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहां गया था।
गंभीर रूप से घायल दो लोगों को इंफाल के अस्पताल में रेफर कर दिया गया है, जबकि अन्य का इलाज उखरुल के जिला अस्पताल में चल रहा है।
हिंसा के बाद, तांगखुल नागा के तीन विधायकों ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने और “बातचीत के माध्यम से सौहार्दपूर्ण ढंग से मुद्दे को सुलझाने” की अपील की।
उखरुल के उप-मंडलीय दंडाधिकारी डी. कामई ने पुलिस अधीक्षक से मिले एक पत्र का हवाला दिया जिसमें थावईजाव हंगपुंग यंग स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (टीएचवाईएसओ) द्वारा आयोजित ‘‘सामाजिक कार्य’’ तथा उस पर हुनफुन गांव प्राधिकरण द्वारा हुनफुन इलाके में आपत्ति की ‘‘आशंका’’ जतायी गयी है।
उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट ने आदेश में कहा कि इस तरह की गड़बड़ी से शांति, सार्वजनिक शांति का गंभीर उल्लंघन हो सकता है तथा मानव जीवन और संपत्तियों को खतरा हो सकता है।
इसमें कहा गया है, ‘‘अब, इसलिए... भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 163 की उप-धारा 1 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, किसी भी व्यक्ति की उनके संबंधित आवासों के बाहर आवाजाही और किसी भी ऐसे अन्य कार्य या गतिविधि पर दो अक्टूबर को सुबह साढ़े नौ बजे से अगले आदेश तक रोक लगाने का आदेश जारी किया जाता है जो कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ सकती है।’’
भाषा प्रशांत