ठाणे : मध्याह्न भोजन खाने से 45 बच्चे बीमार पड़े, स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
गोला मनीषा
- 02 Oct 2024, 04:52 PM
- Updated: 04:52 PM
(तस्वीरों के साथ)
ठाणे (महाराष्ट्र), दो अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र में ठाणे शहर के समीप एक निजी विद्यालय में मध्याह्न भोजन खाने के बाद संदिग्ध रूप से खाद्य विषाक्तता के कारण 45 बच्चों के बीमार पड़ने के बाद पुलिस ने विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
शुरुआत में आठ से 11 वर्ष की आयु के 38 बच्चों को मंगलवार को दोपहर के भोजन के बाद चक्कर आने, मितली, सिरदर्द और पेट में दर्द होने की शिकायत के बाद कलवा शहर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि देर रात को सात और बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे अभी तक अस्पताल में भर्ती कराए बच्चों की संख्या 45 हो गयी है।
एक अधिकारी ने बताया कि एक बच्चे के माता-पिता की शिकायत पर कलवा पुलिस ने स्कूल प्रबंधन तथा खाद्य आपूर्तिकर्ता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 (लापरवाही से निजी सुरक्षा या दूसरों की जान खतरे में डालना) और खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियमों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस ने बताया कि मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गयी है और जांच जारी है।
अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. अनिरुद्ध मलगांवकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि 37 बच्चों की हालत ठीक है और 24 घंटे भर्ती करने के प्रोटोकॉल के बाद उन्हें शाम को छुट्टी दे दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि शेष आठ बच्चों में बुखार और उल्टी के लक्षण हैं। उन्हें और 12 घंटे के लिए निगरानी में रखा गया है।
टीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी ने मंगलवार को पुष्टि की कि बच्चों ने निजी विद्यालय में मध्याह्न भोजन खाया था।
एक अन्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों को भोजन में चावल और मोठ की सब्जी परोसी गयी थी।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने छात्रों को परोसे गए भोजन के नमूने एकत्रित किए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, शुरुआत में पांच छात्रों ने बेचैनी की शिकायत की और धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती गई।
उन्होंने बताया, ‘‘स्कूल प्रशासन ने एम्बुलेंस बुलाई और छात्रों को अस्पताल पहुंचाया।’’
बच्चों के परिजन भी अस्पताल में मौजूद हैं।
भाषा गोला