ओडिशा: प्रवासी पक्षियों के आगमन से पहले चिल्का झील के पास स्थापित किए गए शिकार रोधी शिविर
यासिर मनीषा
- 02 Oct 2024, 04:41 PM
- Updated: 04:41 PM
ब्रह्मपुर (ओडिशा), दो अक्टूबर (भाषा) ओडिशा के वन विभाग की वन्यजीव शाखा ने चिल्का में प्रवासी पक्षियों के आगमन से पहले, उनका अवैध शिकार रोकने के लिए अस्थायी शिविर स्थापित किए हैं।
चिल्का वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अमलान नायक ने बताया कि भारत की सबसे बड़ी तटीय झील में अब 21 अस्थायी शिविर कार्यरत हैं, जो पक्षियों के अपने यहां रहने और मार्च के अंत में उनके वापस जाने तक सक्रिय रहेंगे।
प्रत्येक शिविर में वन्यजीव कर्मचारियों को गश्त में सहायता करने के लिए तीन कर्मी होते होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक 11 शिविर संवेदनशील तांगी रेंज में स्थापित किए गए हैं, जबकि चार शिविर बालूगांव रेंज में हैं। रंभा, सतपदा और चिल्का में दो-दो शिविर स्थापित किए गए हैं।
डीएफओ ने बताया कि अस्थायी शिविरों में शामिल सभी कर्मचारियों के साथ बैठक कर उन्हें 24 घंटे गश्त करने और शिकारियों पर कड़ी निगरानी रखने की सलाह दी गई। गश्त के लिए झील में 15 से अधिक नौकाएं तैनात की गई हैं।
यहां आस-पास के शहरों में प्रवासी पक्षियों के आगमन के साथ अवैध शिकार की गतिविधियां आम तौर पर बढ़ जाती है।
ये पक्षी मुख्य रूप से हिमालय के उस पार उत्तरी यूरेशिया, कैस्पियन क्षेत्र, साइबेरिया, कजाखस्तान, बैकाल झील और रूस तथा पड़ोसी देशों के अन्य दूरदराज के क्षेत्र से आते हैं। ये अपने मूल निवास स्थान की जानलेवा ठंड से बचने के लिए हर सर्दियों में चिल्का आते हैं और गर्मी शुरू होने से पहले ही चले जाते हैं।
नायक के अनुसार, प्रवासी पक्षी अभी झील पर नहीं पहुंचे हैं। पहले समूह के अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में यहां पहुंचने की उम्मीद है, पिछले साल पहला समूह 10 अक्टूबर को यहां पहुंचा था।
डीएफओ ने बताया कि पिछले बार सर्दियों में चिल्का में 187 प्रजातियों के 1,137,759 पक्षी आए थे। उन्होंने बताया कि पिछली सर्दियों में प्रवास के दौरान पक्षियों के शिकार का कोई मामला सामने नहीं आया। तब यहां सख्त गश्ती उपाय किए गए थे।
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यासिर