मानसून के धीमा पड़ते ही चारधाम यात्रा ने गति पकड़ी
धीरज
- 02 Oct 2024, 12:40 AM
- Updated: 12:40 AM
देहरादून, एक अक्टूबर (भाषा) मानसून के धीमा पड़ते ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा ने फिर जोर पकड़ लिया है और सोमवार को एक दिन में 20 हजार से अधिक श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचे।
अधिकारियों ने यहां बताया कि सोमवार को 20,497 श्रद्धालु चारों धाम के दर्शन के लिए पहुंचे जिसमें से सर्वाधिक संख्या केदारनाथ पहुंचने वालों की रही। केदारनाथ धाम में 7,350 तीर्थयात्री पहुंचे जबकि बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री में 3619, यमुनोत्री में 2717 यात्री पहुंचे। इसके अलावा हेमकुंड साहिब में 1632 और गोमुख में 115 श्रद्धालु पहुंचे।
इस वर्ष अभी तक करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं जबकि अभी अक्टूबर और नवंबर की यात्रा शेष है।
अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आगामी अवधि के लिए पंजीकरण करवाया है।
पिछले साल 56.13 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा करने पहुंचे थे जो एक रिकॉर्ड था। अधिकारियों को उम्मीद है कि चारधाम श्रद्धालुओं के उत्साह के मद्देनजर पिछले साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा।
इस वर्ष यात्रा की शुरुआत 10 मई से हुई जब केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुले थे। बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुले थे।
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात आई भीषण आपदा का असर भी यात्रा पर पड़ा। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तेजी से राहत और बचाव कार्य करते हुए न केवल करीब 18 हजार यात्रियों को केदारनाथ पैदल मार्ग से सुरक्षित बाहर निकाला गया, वहीं यात्रा को एक पखवाड़े में ही काफी हद तक बहाल कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है ।
उन्होंने कहा कि देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं।
चारधाम यात्रा को राज्य की आर्थिकी से जुड़ा हुआ बताते हुए धामी ने कहा कि राज्य में तेजी के साथ बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देने की कवायद शुरू कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुईं लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
भाषा दीप्ति