उप्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए ‘यूपी एग्रीस योजना’ को मंजूरी दी
आनन्द धीरज
- 01 Oct 2024, 11:07 PM
- Updated: 11:07 PM
लखनऊ, एक अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों की आय बढ़ाने के लिए ‘यूपी एग्रीस योजना’ के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों की उत्पादकता बढ़ाने की पहल की जाएगी।
यहां जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘यूपी एग्रीस योजना’ को मंजूरी मिली।
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि राज्य में नौ जलवायु क्षेत्र हैं, जिनमें बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की उत्पादकता पश्चिम की तुलना में कम है।
उन्होंने कहा कि परियोजना का क्रियान्वयन झांसी, चित्रकूट, गोरखपुर, वाराणसी, विंध्य, आजमगढ़, बस्ती और देवीपाटन मंडल के जिलों में किया जाएगा। झांसी और चित्रकूट मंडल के अंतर्गत आने वाले जिले बुंदेलखंड संभाग में हैं, जबकि शेष अन्य परिक्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश के अंतर्गत आते हैं।
राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने और युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति, 2024’ के क्रियान्वयन को भी मंजूरी दे दी है।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि यह नीति राज्य में उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने बताया कि इसके जरिए छात्रों को राज्य में ही उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से राज्य के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
उपाध्याय ने बताया कि इस नीति के तहत प्रायोजक निकायों को स्टांप शुल्क में छूट, पूंजीगत सब्सिडी और विशेष लाभ प्रदान किए जाएंगे। साथ ही शीर्ष 50 में स्थान पाने वाले विश्वविद्यालयों को अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में मथुरा और मेरठ में दो नए निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। मथुरा में केडी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 'राजीव मेमोरियल एकेडमिक वेलफेयर सोसाइटी' को आशय पत्र जारी किया गया है। इसी तरह मेरठ में 42.755 एकड़ भूमि पर विद्या विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए ‘विद्या बाल मंडली’ के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
भाषा आनन्द