एनआईटी त्रिची से छात्रा लापता, पत्र में सीआर बनने के बाद "मानसिक प्रताड़ना" का जिक्र
हर्ष खारी
- 01 Oct 2024, 03:56 PM
- Updated: 03:56 PM
इंदौर (मध्यप्रदेश), एक अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली (त्रिची) के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में कक्षा प्रतिनिधि (सीआर) बनने के बाद कथित तौर पर मानसिक प्रताड़ना से जूझ रही एमसीए पाठ्यक्रम की 21 वर्षीय छात्रा पखवाड़े भर से लापता है। अनहोनी की आशंका से परेशान उसके इंदौर में रहने वाले परिजनों ने सरकार से उसे तलाशने की गुहार लगाई है।
इंदौर निवासी नूतेश गुप्ता ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनकी बेटी ओजस्वी गुप्ता (21) एनआईटी के छात्रावास से 15 सितंबर से लापता है और उसका अब तक कोई पता नहीं चल सका है तथा उसका मोबाइल फोन भी बंद है।
गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला एनआईटी त्रिची के एमसीए पाठ्यक्रम में 10 अगस्त को कराया था और वह पढ़ाई के लिए पहली बार अपने शहर इंदौर से बाहर गई थी।
गुप्ता ने बताया, ‘‘लापता होने से पहले मेरी बेटी ने पत्र भी छोड़ा जिसमें उसने एनआईटी त्रिची में सीआर बनने के बाद मानसिक प्रताड़ना और पढ़ाई के दबाव से जूझने का जिक्र किया है।’’
उन्होंने पत्र की इबारत के हवाले से कहा कि संभवत: सीआर बनने के बाद उनकी बेटी को उसके सहपाठी ही परेशान कर रहे थे।
गुप्ता ने बताया, ‘‘मेरी मेधावी बेटी का सपना था कि उसका दाखिला एनआईटी त्रिची में हो। उसका सपना पूरा भी हो गया, लेकिन हमें कतई अहसास नहीं था कि वह इस संस्थान से महीने भर में ही लापता हो जाएगी।’’
उन्होंने बताया कि ओजस्वी की मां और उसका भाई त्रिची जाकर तमिलनाडु पुलिस की मदद से उसे खोजने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
गुप्ता ने बताया कि वह मध्यप्रदेश सरकार और इंदौर पुलिस से भी गुहार लगा चुके हैं कि उनकी बेटी को खोजा जाए।
इंदौर के पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने ओजस्वी के लापता होने के मामले में त्रिची के पुलिस अफसरों से बात की है और उनसे कहा है कि लापता छात्रा को ढूंढने में इंदौर पुलिस उनकी हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
एनआईटी त्रिची से एमसीए की लापता छात्रा ने अपने कथित पत्र में ‘‘पुरुषों के दबदबे वाली दुनिया की दु:खद सच्चाई’’ के शीर्षक से यह भी लिखा कि अगर कोई महिला सुंदर नहीं है, तो उसके लिए पुरुषों से अपनी बात मनवाना या अपने नेतृत्व को स्वीकार कराना वाकई बेहद मुश्किल है।
ओजस्वी के बड़े भाई पलाश गुप्ता अपनी लापता बहन को याद करते हुए फफक-फफक कर रो पड़ते हैं। फिर अपने जज्बात पर काबू पाते हुए कहते हैं, ‘‘हर गुजरते दिन के साथ हमारे मन में अनहोनी का डर बढ़ता जा रहा है, पर हम अब भी ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि मेरी बहन जहां भी हो, सुरक्षित हो।’’
भाषा हर्ष