केरल : विमान हादसे के 56 साल बाद सैनिक के अवशेष मिलने से परिवार खुश है और दुखी भी
यासिर मनीषा
- 01 Oct 2024, 03:26 PM
- Updated: 03:26 PM
पथनमथिट्टा (केरल), एक अक्टूबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे पर भारतीय वायु सेना के विमान की दुर्घटना के 56 साल बाद, उसमें सवार केरल निवासी थॉमस चेरियन के अवशेष सेना ने खोजे हैं। चेरियन के परिवार के लिए यह दुख और खुशी का समय है, क्योंकि इतने वर्षों बाद उनको सम्मानपूर्वक दफनाया जा सकेगा।
सेना ने सोमवार को बताया कि गहन खोज अभियान के दौरान चार लोगों के अवशेष मिले जिनमें चेरियन के अवशेष भी शामिल हैं।
चंडीगढ से लेह जाते समय सात फरवरी 1968 को दो इंजन वाला टर्बोप्रॉप परिवहन विमान एएन-12 लापता हो गया था। विमान में 102 यात्री सवार थे।
घटना के बाद दशकों तक पीड़ितों के अवशेष और विमान के मलबे का बर्फीले इलाके में पता नहीं चल पाया।
चेरियन पथनमथिट्टा जिले के एलनथूर के रहने वाले थे।
चेरियन के एक भाई ने यहां अपने पैतृक घर पर पत्रकारों से कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि अपनी भावनाएं कैसे जाहिर करें। हम खुश हैं और दुखी भी हैं।’’
उनके भाई-बहनों ने कहा कि उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि उन्हें अपने प्रिय भाई को उसकी मृत्यु के दशकों बाद औपचारिक विदाई देने का अवसर मिलेगा।
चेरियन की बहन ने कहा, ‘‘जब विमान दुर्घटना हुई, तब मैं सिर्फ 12 साल की थी। मेरे पास अभी भी अपने भाई की यादें हैं। वह जब भी घर आते थे, हमारे लिए बहुत सारी चीजें लाते थे।’’
उन्होंने बताया कि यह दुर्घटना उस समय हुई जब चेरियन अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अपनी तैनाती के लिए जा रहे थे। उनके अनुसार, सेना में शामिल होने के बाद चेरियन दो या तीन बार ही घर आए थे।
उनके परिवार को यह तसल्ली है कि अब वे चेरियन को पूरे विधि-विधान से सम्मानपूर्वक दफना सकेंगे। चेरियन की बहन ने कहा ‘‘हमें लगता है कि उनके अवशेष मिलना आशीर्वाद जैसा है। इसके लिए हम ईश्वर के आभारी हैं।’’
बहन ने कहा कि तमाम रस्में पूरी करने के बाद स्थानीय कब्रगाह में चेरियन के अवशेषों को दफनाया जाएगा।
चेरियन के छोटे भाई ने भी सैनिकों के प्रति इतना सम्मान और सहानुभूति दिखाने के लिए सेना और राष्ट्र के प्रति आभार व्यक्त किया। हालांकि, परिवार ने अपने दिवंगत भाई की कोई तस्वीर न होने पर निराशा व्यक्त की। उन्हें उम्मीद है कि सेना उनके पुराने रिकॉर्ड से उनकी एक तस्वीर हासिल करने में उनकी मदद कर सकती है।
सेना के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि भारतीय सेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू के कर्मियों के एक संयुक्त दल ने रोहतांग दर्रे पर खोज के दौरान अवशेष बरामद किए।
अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने वर्ष 2003 में इस विमान के मलबे की खोज की थी, जिसके बाद भारतीय सेना खासकर - डोगरा स्काउट्स द्वारा कई वर्षों तक कई अभियान चलाए गए।
अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना स्थल की खतरनाक परिस्थितियों और दुर्गम भूभाग के कारण 2019 तक केवल पांच पीड़ितों के अवशेष ही बरामद किए जा सके थे।
सेना ने कहा कि चंद्रभागा पर्वत अभियान ने अब चार मृतकों के अवशेष और बरामद किए हैं।
भाषा यासिर