दहेज की मांग पूरी न होने पर पत्नी और दो बेटियों की हत्या करने वाले को आजीवन कारावास
सं सुरभि अमित
- 01 Oct 2024, 03:19 PM
- Updated: 03:19 PM
नोएडा, एक अक्टूबर (भाषा) अपर जिला सत्र अदालत ने एक व्यक्ति को पत्नी और दो बेटियों की हत्या मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह जानकारी पुलिस ने दी।
अपर जिला सत्र न्यायाधीश-पांच चंद्र मोहन श्रीवास्तव ने दोषी ओमदत्त उर्फ पिंटू को उम्र कैद की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने ओमदत्त को यह सजा थाना बादलपुर क्षेत्र में 13 वर्ष पहले पत्नी और दो बेटियों की हत्या मामले में उस पर दोष सिद्ध होने पर सुनायी। न्यायाधीश ने उस पर 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। पुलिस के अनुसार हत्याकांड में षड्यंत्र में शामिल होने का दोष सिद्ध होने पर अदालत ने ओमदत्त के माता-पिता और दोनों भाइयों को दो-दो वर्ष की कारावास की सजा और 2500 रुपये का जुर्माना लगाया है।
पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रभारी ने बताया कि गांव कूड़ी खेड़ा निवासी परमानंद ने अपनी बेटी भूमिका का विवाह वर्ष 2004 में थाना बादलपुर क्षेत्र के गांव दुहाई निवासी ओमदत्त उर्फ पिंटू से किया था। उन्होंने बताया कि विवाह के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग दहेज के लिए भूमिका का उत्पीड़न करने लगे।
उन्होंने बताया कि विवाह के बाद भूमिका को दो बेटियां और बेटा हुआ। उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन ओमदत्त की मां हरवती और पिता कालीचरन ने भूमिका को यह कहकर निजी अस्पताल बुलाया कि ओमदत्त एक दुर्घटना में घायल हो गया है।
उन्होंने बताया कि भूमिका अपनी दोनों बेटियों साक्षी (5) और प्राची (2.5) को साथ लेकर अस्पताल के लिए निकली लेकिन रास्ते में हरनौटी नहर के पास ओमदत्त ने भूमिका को रोक लिया और उसकी और दोनों बेटियों की गला दबाकर हत्या कर दी और उनके शव पर तेजाब डाल दिया।
पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रभारी ने बताया मामले की सुनवाई के दौरान 9 गवाहों की गवाही हुई तथा साक्ष्य के रूप में घटनास्थल से इकट्ठा की गई खून और तेजाब से सनी मिट्टी, अन्य साक्ष्य पेश किए गए।
उन्होंने बताया कि दोष सिद्ध होने पर ओमदत्त को उम्रकैद की सजा सुनायी गई और उस पर 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया तथा जुर्माना अदा नहीं करने पर उसे 10 महीने अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उन्होंने बताया कि अदालत ने ओमदत्त के पिता, कालीचरन, मां हरवती, भाई सुरेश और सतीश को भी दो-दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई।
भाषा सं सुरभि