आरोपियों ने कांस्टेबल का इंतजार किया और फिर उसे कार से कुचल दिया: प्राथमिकी
नोमान नरेश
- 30 Sep 2024, 05:48 PM
- Updated: 05:48 PM
नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल संदीप ने जब एक कार के पास पहुंच कर उसमें बैठे दो व्यक्तियों को सड़क पर शराब पीने के लिए डांटा था तो पुलिस कर्मी को उनकी मंशा का अंदाज़ा नहीं था।
प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी रजनीश उर्फ सिट्टू ने कार चला रहे धर्मेंद्र उर्फ भांडरे से कहा, “भांडरे, संदीप पर गाड़ी चढ़ा कर इसे यहीं खत्म कर देते हैं।" मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, वे कांस्टेबल के काफी करीब आने का इंतजार कर रहे थे।
प्राथमिकी में कहा गया है कि धर्मेंद्र ने गाड़ी को तेज किया और संदीप की मोटरसाइकिल को पीछे से टक्कर मारी और उसे कुछ दूर तक घसीटते हुए ले गए। फिर गाड़ी ने एक खड़ी कार को टक्कर मारी और कांस्टेबल दो कारों के बीच में पिस गया। प्राथमिकी की प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के पास है।
यह वीभत्स घटना सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हो गई। यह घटना रविवार तड़के वीणा एन्क्लेव के पास उस समय घटी जब 30 वर्षीय संदीप सादे कपड़ों में ड्यूटी के दौरान नांगलोई थाने से रेलवे रोड की ओर जा रहा था।
जब संदीप ड्यूटी पर था, तो उसकी मुलाकात अपने सहकर्मियों कांस्टेबल खुशी राम और सचिन से हुई, जो ड्यूटी के बाद घर लौट रहे थे।
राम ने प्राथमिकी में कहा, “हमने उसे (संदीप को) सादे कपड़ों में बाइक पर देखा। मैंने उससे उसकी ड्यूटी के बारे में पूछा और उसने हमें बताया कि अपने एसएचओ (थानेदार) के निर्देश पर वह सादे कपड़ों में ड्यूटी पर था, क्योंकि उसके बीट क्षेत्र में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं।”
प्राथमिकी के मुताबिक, जब तीनों नांगलोई रेलवे रोड की ओर बढ़ने लगे तो उन्होंने एक सरकारी स्कूल के पास एक सफेद वैगनआर कार खड़ी देखी और उसमें सवार दो व्यक्ति शराब पी रहे थे।
राम ने प्राथमिकी में कहा, “हमने एक व्यक्ति की पहचान धर्मेंद्र उर्फ भांडरे के रूप में की, जो वीणा एन्क्लेव में रहता है। चूंकि मैं पहले नांगलोई थाने में तैनात था, इसलिए मैं धर्मेंद्र को जानता था।”
जब संदीप ने उन दोनों के सड़क पर शराब पीने पर आपत्ति जताई तो धर्मेंद्र चिल्लाया, “तुम हमारे निजी मामले में दखल दे रहे हो। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?”
संदीप ने धर्मेंद्र और रजनीश को थाने आने को कहा लेकिन वे दोनों अपनी कार से नांगलोई रेलवे स्टेशन की ओर जाने लगे।
संदीप ने अपनी मोटरसाइकिल से उनका पीछा किया। राम और सचिन भी उनके पीछे चले गए।
जाट धर्मशाला के पास पहुंचने के बाद धर्मेंद्र ने गाड़ी धीमी कर दी और तीनों पुलिसकर्मियों के पास आने का इंतजार करने लगा।
संदीप ने कार के पास पहुंच कर आरोपियों से गाड़ी रोकने को कहा, लेकिन धर्मेंद्र ने अपनी कार से संदीप की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी और उसे अपने साथ घसीटते हुए बढ़ गया।
धर्मेंद्र ने संदीप को घसीटना तभी बंद किया जब उसकी कार दूसरी कार से टकरा गई।
राम और सचिन संदीप को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन धर्मेंद्र कार छोड़कर भागने में सफल रहा। प्राथमिकी में कहा गया है कि रजनीश को मौके से ही पकड़ लिया गया।
राम और सचिन संदीप को सोनिया अस्पताल ले गए, जहां से उसे बालाजी एक्शन अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया।
जब दोनों कांस्टेबल संदीप को सोनिया अस्पताल में ले जा रहे थे तब रजनीश उन्हें चकमा देकर भाग निकला, लेकिन सोमवार को पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जिमी चिराम ने कहा कि रजनीश से पूछताछ की गई है और धर्मेंद्र को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आरोपियों का इलाके के शराब तस्करों से कोई संबंध है या नहीं। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी धर्मेंद्र की गिरफ्तारी के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा।
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार उनमें से किसी की नहीं है और कार मालिक से भी पूछताछ की जा रही है।
साल 2018 बैच के कांस्टेबल संदीप हरियाणा के रोहतक के मूल निवासी थे। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी और पांच साल का बेटा है।
संदीप का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी श्रद्धांजलि देने उसके घर पहुंचे।
दिल्ली पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह इस कठिन समय में शोक संतप्त परिवार के साथ है।
भाषा नोमान