एसी, एलईडी लाइट विनिर्माता पीएलआई योजना का लाभ लेने को आवेदन करें: डीपीआईआईटी
निहारिका रमण
- 30 Sep 2024, 02:53 PM
- Updated: 02:53 PM
नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एसी और एलईडी लाइट विनिर्माताओं से सोमवार को कहा कि वे उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में आवदेन करें क्योंकि अभी तक इस क्षेत्र से पर्याप्त प्रतिक्रियाएं नहीं मिली है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा यहां आयोजित एक सम्मेलन में डीपीआईआईटी में अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने कहा कि विभाग ने इन (एसी और एलईडी लाइट) वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना के तहत आवेदन जमा करने की व्यवस्था फिर से शुरू की है।
यह आवेदन 15 जुलाई से 12 अक्टूबर तक दिये जा सकते हैं।
ठाकुर ने उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक और टिकाऊ सामान पर आयोजित सम्मेलन में कहा, ‘‘ इन वस्तुओं में पीएलआई योजना को लेकर अधिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। ...संभवतः विभिन्न कारणों से पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं आई। इसलिए मैं (उद्योग से) अनुरोध करता हूं कि वे इस पर गौर करें और संभवत: इस बार आप (आवेदन करने) पर विचार कर सकते हैं।’’
पीएलआई योजना के तहत अभी तक 6,962 करोड़ रुपये के निवेश वाले 66 आवेदकों को लाभार्थियों के रूप में चुना गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात अप्रैल 2021 को एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइट के कल-पुर्जों के विनिर्माण तथा ‘सब-असेंबली’ के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी।
इस योजना को 2021-22 से 2028-29 तक सात वर्ष की अवधि में लागू किया जाना है। इस पर कुल खर्च 6,238 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि विभाग गुणवत्ता नियंत्रण आदेश और लॉजिस्टिक जैसे मुद्दों पर उद्योग के साथ अलग से बातचीत कर सकता है।
ठाकुर ने उद्योग जगत से कहा कि देश में निवेश बढ़ाने का यह सही समय है, क्योंकि सरकार ने पूंजीगत व्यय बढ़ाया है और कारोबार को आसान बनाने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राजमार्गों, एक्सप्रेसवे, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रेलवे जैसे क्षेत्रों में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन निजी क्षेत्र की प्रतिक्रिया ‘किसी वजह से अपेक्षा के अनुरूप नहीं है।’
इससे पहले कार्यक्रम में डीपीआईआईटी सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने कहा कि कारोबार को सुगम बनाने, अनुपालन बोझ को कम करने और छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
सरकार ने हाल ही में 12 औद्योगिक ‘टाउनशिप’ को भी मंजूरी दी है और उद्योग वहां निवेश करने पर विचार कर सकता है।
भाषा निहारिका