प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने में क्यों ‘‘विफल’’ रहे: कांग्रेस
देवेंद्र दिलीप
- 29 Sep 2024, 10:34 PM
- Updated: 10:34 PM
नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान समाप्त होने के साथ ही कांग्रेस ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी तक इस बुनियादी सवाल का जवाब नहीं दिया है कि वह जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने में क्यों ‘‘विफल’’ रहे।
विपक्षी पार्टी ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी को विधानसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए प्रचार अभियान रविवार शाम समाप्त हो गया। प्रचार अभियान के दौरान प्रमुख राजनीतिक दलों विशेषकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने पाकिस्तान, अनुच्छेद 370, आतंकवाद और आरक्षण समेत महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।
इस महत्वपूर्ण चरण के लिए मतदान एक अक्टूबर को होगा, जिसमें जम्मू क्षेत्र के सात जिलों जम्मू, उधमपुर, सांबा और कठुआ तथा उत्तरी कश्मीर के बारामुला, बांदीपुरा और कुपवाड़ा के 40 विधानसभा क्षेत्र शामिल होंगे।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार अब थम चुका है। लेकिन ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री ने अभी तक इस सबसे बुनियादी सवाल का जवाब नहीं दिया है कि वह जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने में क्यों विफल रहे हैं?’’
रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘‘भ्रम पैदा करने वाला’’ दावा कर रहे हैं कि सिर्फ भाजपा ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिला सकती है।
रमेश ने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी) अनाश्चर्यजनक ढंग से जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने या इसकी बहाली को स्थगित करने के फैसले के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं ली है। वास्तव में उन्होंने जवाबदेही से बचने के लिए काफी सोच विचार के साथ सुनियोजित ढंग से अपने आप को इस मुद्दे से दूर किया है।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘पांच अगस्त, 2019 को वह इस मामले पर संसद को संबोधित करने में विफल रहे। वर्ष 2019 के बाद आमतौर पर यात्रा पर रहने वाले ‘स्वयंभू परमात्मा’ के अवतार ने 2022 तक जम्मू और 2024 तक कश्मीर घाटी का दौरा नहीं किया। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में, उन्होंने 41 ‘स्क्रिप्टेड इंटरव्यू’ दिए - जिसमें देशभर का क्षेत्रीय मीडिया भी शामिल था, लेकिन जम्मू-कश्मीर में एक भी नहीं दिया।’’
रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री खुद को लोगों के प्रति जवाबदेही से ऊपर समझते हैं, जिनमें जम्मू के मतदाता भी शामिल हैं, जिन्होंने लगातार चुनावों में उनका समर्थन किया है।
भाषा देवेंद्र