तृणमूल विधायक ने मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के कनिष्ठ चिकित्सकों का घेराव करने की धमकी दी
गोला नेत्रपाल शोभना
- 29 Sep 2024, 02:52 PM
- Updated: 02:52 PM
कोलकाता, 29 सितंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने बहरामपुर में मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर चिकित्सकों का घेराव करने की धमकी देकर विवाद खड़ा कर दिया है।
‘‘मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कुछ जूनियर चिकित्सकों के रवैये’’ पर नाराजगी जताते हुए मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से विधायक ने कहा, ‘‘वे वातानुकूलित कमरों में आंदोलन और प्रदर्शन करते हैं जबकि जनता सड़कों पर जूझती रहती है।’’
उन्होंने शनिवार रात पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि उन जूनियर चिकित्सकों के खिलाफ मेरी पूर्व टिप्पणियों के लिए मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है जो इस महीने की शुरुआत में हड़ताल पर थे। मैं डरा नहीं हूं। उन्हें 1,000 लोगों की रैली निकालने दीजिए। अगर मेरी टिप्पणियों के लिए मुझे जेल भेजा गया तो मैं रिहा होने पर 10,000 लोगों के साथ जूनियर चिकित्सकों का घेराव करूंगा।’’
विधायक ने कहा, ‘‘क्या ये लोग चिकित्सक कहलाने लायक हैं? उन्हें उनके कार्यस्थल पर लौटाने में मुझे दो मिनट लगेंगे।’’
कबीर ने जूनियर चिकित्सकों के 30 सितंबर की दोपहर से प्रस्तावित तौर पर ‘‘काम से दूर रहने’’ की पृष्ठभूमि में ये टिप्पणियां कीं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना बयान से स्थिति बिगड़ रही है।
घोष ने रविवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘स्थिति ऐसी हो गई है कि पूरी व्यवस्था चरमराने के कगार पर है, मरीजों की मौत का उनके शोक संतप्त परिजन विरोध कर रहे हैं जो खराब स्वास्थ्य सुविधाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि जूनियर चिकित्सक अस्पतालों में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वे सुरक्षा के लिए सड़कों पर हैं।’’
उन्होंने कहा कि तृणमूल विधायक धमकी भरे बयान दे रहे हैं जिससे हालात बिगड़ रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में कनिष्ठ चिकित्सकों ने शनिवार को आरजी कर मामले की उच्चतम न्यायालय में 30 सितंबर को सुनवाई के बाद राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पूर्ण रूप से 'काम बंद' करने का निर्णय लिया।
कनिष्ठ चिकित्सकों ने यह निर्णय शुक्रवार रात कोलकाता के निकटवर्ती ‘कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सागर दत्ता अस्पताल’ में एक मरीज की मौत के बाद तीन चिकित्सकों और तीन नर्स पर हमले किए जाने के बाद लिया है।
चिकित्सकों ने कहा कि सागर दत्ता अस्पताल पर हुए हमले से पता चलता है कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के अपने वादे को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है।
भाषा गोला नेत्रपाल