छत्तीसगढ़ : बगैर एनजीटी की मंजूरी के अदाणी की कोयला खदान परियोजना को पर्यावरण मंजूरी
जितेंद्र सुरेश
- 29 Sep 2024, 12:19 AM
- Updated: 12:19 AM
नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में अदाणी समूह की कंपनी द्वारा संचालित कोयला खनन परियोजना को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा पर्यावरण मंजूरी रद्द किये जाने के छह महीने बाद फिर से मंजूरी प्रदान कर दी।
खबर लिखे जाने तक अदाणी समूह की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (महाजेनको) की 7,465 करोड़ रुपये की लागत वाली कोयला खदान परियोजना में अदाणी समूह की कंपनी ‘गारे पाल्मा सेकेंड कोलियरीज प्राइवेट लिमिटेड’ खदान की विकासकर्ता और संचालक है।
यह परियोजना तमनार तहसील के गारे पाल्मा क्षेत्र के 14 गांवों को प्रभावित करेगी।
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, परियोजना का गांव वालों की सामाजिक-आर्थिक व स्वास्थ्य स्थितियों पर पड़ने वाला प्रभाव, जल विज्ञान और वहन क्षमता के बारे में गंभीर चिंताओं को उजागर करने वाले अध्ययनों के बावजूद पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान की गयी।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एनजीटी द्वारा मंजूरी को रद्द किये जाने के बावजूद परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाने के लिए केंद्र की आलोचना की।
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “हर गुजरते दिन के साथ ‘मोदाणी’ द्वारा कानून का उल्लंघन करने के नए मामले सामने आते हैं। जनवरी 2024 में, स्थानीय समुदाय के सदस्यों के वर्षों के विरोध के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में ‘मोदाणी’ समूह द्वारा विकसित और संचालित एक कोयला खदान परियोजना को दी गई पर्यावरणीय मंजूरी को रद्द कर दिया था। पर्यावरणीय मंजूरी रद्द करने का एक प्रमुख कारण यह था कि 2019 में परियोजना पर सुनवाई कानून के अनुसार नहीं हुई थी।”
उन्होंने कहा, “पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अगस्त 2024 में उस परियोजना को मंजूरी दी, जिसे पहले एनजीटी ने रद्द कर दिया था। यह मंजूरी उसी सुनवाई पर आधारित थी, जिसके तहत एनजीटी ने खामियां गिनाई थी और यह न्यायालय की आपत्तियों के प्रति घोर उदासीनता है।’’
भाषा जितेंद्र