उप्र : बहराइच में मानव वन्य जीव संघर्ष में तीन बच्चों सहित चार घायल
सं आनन्द मनीषा
- 27 Sep 2024, 02:19 PM
- Updated: 02:19 PM
बहराइच, (उप्र), 27 सितंबर (भाषा) कतर्नियाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य तथा बहराइच वन प्रभाग की महसी तहसील क्षेत्र के अलग—अलग इलाकों में बृहस्पतिवार शाम से देर रात तक मानव वन्यजीव संघर्ष में तीन बच्चों सहित चार लोग घायल हो गये। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कतर्नियाघाट के एक अधिकारी ने तेंदुए के दो हमलों की पुष्टि की है। बहराइच वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महसी में सियार या कुत्तों ने लोगों पर हमले किए। लेकिन गांव के लोग इसे भेड़ियों का हमला बता रहे हैं।
कतर्नियाघाट सेंचुरी के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) बी. शिवशंकर ने शुक्रवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि बृहस्पतिवार देर शाम कतर्नियाघाट के धर्मापुर वन रेंज अंतर्गत हरखापुर गांव के एक खेत में किसान मधुसूदन (35) अकेले काम कर रहे थे तभी एक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। मधुसूदन के गले पर चोट आई और उन्हें स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सक ने बहराइच मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है।
डीएफओ ने बताया कि दूसरी घटना सुजौली वन रेंज के अयोध्या पुरवा गांव की है। यहां साहिबा (13) अपने घर के बाहर आंगन में अकेली सो रही थी तभी तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। घर वालों ने शोर मचाया जिसके बाद तेंदुआ भाग गया।
शिवशंकर ने बताया कि साहिबा के गले पर गंभीर चोटें आई हैं और उसे बेहतर इलाज हेतु लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है।
कतर्नियाघाट के डीएफओ के अनुसार, दोनों घायलों की हालत स्थिर है। दोनों के परिजनों को विभाग ने इलाज हेतु आर्थिक सहायता दी है। उन्होंने जंगल किनारे रहने वाले ग्रामीणों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
बहराइच वन प्रभाग के भेड़िया प्रभावित क्षेत्र में मानव वन्यजीव संघर्ष की दो घटनाएं हुई हैं।
गांव वासियों के अनुसार, छह माह का आरुष अपनी मां फूलमती के साथ तीन दिन पहले ननिहाल महसी तहसील के घूमनी गांव आया था। फूलमती देर रात अपने बच्चे को दूध पिला रही थी। तभी जंगली जानवर बच्चे को अपनी तरफ खींचने लगा। फूलमती की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण वहां आ गये और जानवर भाग गया।
चौथी घटना हरदी थाना क्षेत्र के ही नकहा गांव की है। गांव की निवासी ममता (पांच वर्ष) पुत्री तीरथ अपनी बहन के साथ घर के बाहर सो रही थी। देर रात करीब दो बजे जंगली जानवर ने बच्ची पर हमला कर दिया। परिवार वालों के शोर मचाने पर वह भाग गया।
दोनों घायल बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराकर उनका इलाज कराया गया है। वन विभाग के अनुसार, दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
हरदी थाना क्षेत्र के लोगों का दावा है कि बच्चियों पर हमला भेड़िये ने किया। लेकिन वन विभाग इसे सियार अथवा कुत्तों का हमला बता रहा है।
प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने आज कहा "बच्चों के शरीर पर जिस स्तर के जख्म दिख रहे हैं वह किसी जानवर के हमले से हुए हैं। डाक्टरों ने भी जानवर के काटने की बात कही है। लेकिन जिस तरह के घाव हैं उन्हें देखकर यह भी निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि हमलावर जानवर भेड़िया नहीं था। दोनों बच्चों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां डाक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है।"
गौरतलब है कि बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों नागरिक भेड़ियों के हमलों से दहशत में हैं। 17 जुलाई से सात बच्चों सहित आठ लोगों की हमलों से मौत हो चुकी है जबकि करीब तीन दर्जन लोग भेड़िए अथवा अन्य जानवरों के हमलों से घायल हुए हैं। वन विभाग का दावा है कि हमलावर छह आदमखोर भेड़ियों में से पांच पकड़े जा चुके हैं और एक को पकड़ने की कोशिश जारी है।
भाषा सं आनन्द