कांग्रेस नेतृत्व के हस्तक्षेप और कई नेताओं की नाराजगी के बाद हिमाचल सरकार ने दी सफाई
हक हक रंजन
- 26 Sep 2024, 08:10 PM
- Updated: 08:10 PM
नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) कांग्रेस नेतृत्व के हस्तक्षेप तथा पार्टी के कुछ नेताओं के नाराजगी जताए जाने के बाद हिमाचल प्रदेश की सरकार ने बृहस्पतिवार को सफाई दी कि दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने का कोई आधिकारिक निर्णय नहीं किया गया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हिमाचल प्रदेश के प्रभारी राजीव शुक्ला से बात की और फिर शुक्ला ने प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य को सिंह को खरगे की ‘भावना’ से अवगत करा दिया।
राजीव शुक्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुकानदारों का नाम प्रदर्शित करने के लिये कोई फैसला सरकार ने नहीं लिया है, बल्कि विधानसभा की एक समिति की अनुशंसा के आधार पर यह बात सामने आई जिसका मकसद दुकानों और रेड़ी-पटरी वालो को विनियमित करना है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह हिमाचल प्रदेश में दुकानदारों को नाम या फोटो प्रदर्शित करने की जरूरत नहीं है।
शुक्ला ने कहा, ‘‘हमारी मुख्यमंत्री (सुखविंदर सिंह सुक्खू) से और विक्रमादित्य सिंह से बात हुई है। विधानसभा अध्यक्ष ने एक समिति बनाई थी कि रेड़ी-पटरी वालों लाइसेंस दिया जाए। लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें बाहर तख्ती लगानी पड़ेगी कि यह नाम है। यह रेड़ी-पटरी वालों को विनियमित करने के लिए है।’’
उनका कहना था, ‘‘यह ‘योगी पैटर्न’ नहीं है। उत्तर प्रदेश में राजनीति और सांप्रदायिक नजरिये से करते हैं। यहां ऐसा नहीं है।’’
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी किया था जिसके अनुसार, राज्य के दुकानदारों को अपनी दुकानों में पहचान पत्र प्रदर्शित करना होगा।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि राज्य में प्रवासियों की बढ़ती संख्या के बारे में कई स्थानीय लोगों द्वारा व्यक्त की गई ‘आशंकाओं’ पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा था कि ये पहचान पत्र उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से की जा रही कवायद की भांति ही जारी किए जाएंगे।
इस मुद्दे पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने खुलकर विरोध किया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘‘इससे आम व्यापारी, रेड़ी पटरी वाले, ढाबे वाले प्रताड़ित होंगे, यह कानून वापस होना चाहिए।’’
उनका कहना था कि इस तरह के कदम से ‘इंस्पेक्टर राज’ को बढ़ावा मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘यह मेरी निजी राय है। किसी दुकान में जो सामान बिक रहा है उसका नाम होना चाहिए, दुकानदार का नहीं। जब कोई दुकान खुलती है तो पंजीकरण होता है और एक प्रमाणपत्र मिलता है जिसे उन्हें रखना होता है।’’
कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं के नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा था कि वे हिमाचल प्रदेश सरकार के इस रुख से सहमत नहीं है।
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