निवेश धोखाधड़ी: अदालत ने उप्र कंपनी के प्रवर्तक घोषित करने के अनुरोध वाली ईडी की अर्जी स्वीकार की
अमित पवनेश
- 26 Sep 2024, 06:56 PM
- Updated: 06:56 PM
नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही लखनऊ स्थित एक कंपनी के प्रवर्तक की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। कंपनी पर कई निवेशकों से करीब 800-1000 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। अदालत ने कंपनी के प्रवर्तक को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की ईडी की याचिका पर संज्ञान लिया है।
संघीय एजेंसी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि लखनऊ स्थित एक विशेष धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने शाइन सिटी ग्रुप के प्रवर्तक, मुख्य आरोपी राशिद नसीम के खिलाफ उसकी अर्जी को ‘‘स्वीकार’’ कर लिया है।
ईडी ने याचिका भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए), 2018 की धारा 4 के तहत दायर की थी और अदालत ने बुधवार को इसका संज्ञान लिया। ईडी ने इसी आवेदन के तहत नसीम, उनके सहयोगियों और उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों की 127.98 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने का अनुरोध भी किया।
अधिकारियों ने कहा कि यदि नसीम 5 नवंबर की निर्धारित तिथि पर उक्त अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं होता है, तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है।
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अब तक भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है।
ईडी के अनुसार, नसीम कुछ समय पहले भारत से चला गया था और यह "निर्णायक रूप से पता चला है" कि वह दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहा है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि वह ‘‘कानून की उचित प्रक्रिया का सामना करने के लिए भारत नहीं लौट रहा है’’ जबकि उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू), लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) और इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया है।
धनशोधन का मामला उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा नसीम, शाइन सिटी ग्रुप ऑफ कंपनीज और उसके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज 554 प्राथमिकी से उपजा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने निवेश के नाम पर जनता से लगभग 800-1,000 करोड़ रुपये एकत्र किए।
ईडी ने दावा किया, ‘‘उन्होंने ऐसे निवेशों पर भारी रिटर्न का वादा किया और आखिरकार धोखाधड़ी करके निवेशकों को धोखा दिया।’’
एजेंसी के अनुसार, नसीम को धनशोधन के अपराध में ‘‘संलिप्त’’ पाया गया है। एजेंसी ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, चार आरोप पत्र दायर किए हैं और 189.39 करोड़ रुपये की विभिन्न संपत्तियों को कुर्क किया है।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2018 में एफईओए को उन लोगों के लिए लागू किया था, जिन पर अधिक मूल्य के आर्थिक धोखाधड़ी के आरोप हैं और जो कानून से बचने के लिए देश से फरार हो जाते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, ईडी ने देश में नामित विशेष पीएमएलए अदालतों के समक्ष कुल 19 ऐसे आवेदन दायर किए, जिसके बाद अब तक 12 लोगों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है। इनमें नितिन जयंतीलाल संदेसरा, चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन जयंतीलाल संदेसरा, हितेश कुमार नरेन्द्रभाई पटेल, जुनैद इकबाल मेमन, हाजरा इकबाल मेमन, आसिफ इकबाल मेमन और रामचंद्रन विश्वनाथन भी शामिल हैं।
भाषा अमित