मोदी ने शतरंज खिलाड़ियों के साथ एआई और भारत की खेल शक्ति पर चर्चा की
नमिता सुधीर
- 26 Sep 2024, 06:05 PM
- Updated: 06:05 PM
नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निवास पर ओलंपियाड स्वर्ण जीतने वाली भारतीय शतरंज टीमों की मेजबानी के दौरान कृत्रिम मेधा (एआई) और भारत को खेलों की महाशक्ति बनाने की महत्वाकांक्षा पर चर्चा की।
मोदी ने इस चर्चा में खिलाड़ियों की दबाव भरे टूर्नामेंट में उनकी मानसिकता भी समझने का प्रयास किया।
यह चर्चा बुधवार शाम को हुई जिसमें पहली बार ओलंपियाड स्वर्ण पदक जीतने वाली पुरुष और महिला दोनों टीमों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए और उनसे खेलों में उनकी दिलचस्पी के बारे में भी पूछा।
पुरुष टीम में विश्व चैंपियनशिप के सबसे कम उम्र के चैलेंजर डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा, अर्जुन एरिगेसी, विदित गुजराती, पी हरिकृष्णा और कप्तान श्रीनाथ नारायणन शामिल थे।
महिला टीम में आर वैशाली, तानिया सचदेव, डी हरिका, दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल शामिल थीं। उनके कप्तान अभिजीत कुंटे भी चर्चा में मौजूद थे।
मोदी ने टीम से उनके शानदार प्रदर्शन के बारे में पूछा जिसमें पुरुष टीम ने 22 में से 21 अंक जुटाये और महिला टीम ने कुल 22 में से 19 अंक हासिल किए।
उन्होंने यह भी जानने की कोशिश की कि इस जीत के बाद उनके प्रतिद्वंद्वियों की क्या प्रतिक्रिया थी।
हरिका ने कहा, ‘‘हमारे सभी प्रतिद्वंद्वियों ने हमारे लिए खुशी व्यक्त की। ’’
तानिया ने कहा, ‘‘हमने इतनी आसानी से जीत हासिल की कि ऐसा लगा कि कोई भी हमारे करीब नहीं पहुंच सकता था। ’’
तानिया ने साथ ही कहा कि वे अमेरिका को हराने के लिए दृढ़ थे जिसने पिछले ओलंपियाड के अंतिम दौर में उन्हें स्वर्ण पदक से वंचित कर दिया था।
नवंबर-दिसंबर में चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ विश्व खिताब मुकाबले की तैयारी में जुटे गुकेश ने दोहराया कि यह ‘टीम वर्क’ था जिसकी बदौलत वे स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे।
गुकेश ने कहा, ‘‘यह अनुभव एक शानदार टीम प्रयास था। हम शानदार फॉर्म में थे, हम सभी प्रेरित थे। पिछले ओलंपियाड में एक ऐसा मैच था जिसमें मेरी जीत से भारत का स्वर्ण पदक पक्का हो जाता लेकिन दुर्भाग्य से मैं इसमें हार गया था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार हम जीतने के लिए प्रेरित थे। ’’
प्रधानमंत्री यह जानने के लिए उत्सुक थे कि एआई किस तरह शतरंज का भविष्य को आकार दे रहा है जिसमें खिलाड़ी रोज कम्प्यूटर के खिलाफ खुद को परखते हैं।
इस पर प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘एआई से शतरंज का विकास हुआ है। कम्प्यूटर बहुत मजबूत प्रतिद्वंद्वी होते हैं जिससे नये विचार मिलते हैं। ’’
गुजराती ने कहा, ‘‘और फिर एआई सभी के लिए उपलब्ध है। इसने शतरंज को लोकतांत्रिक बना दिया है। ’’
तानिया ने फिर प्रधानमंत्री से खेलों में उनकी दिलचस्पी के बारे में पूछा तो मोदी ने कहा कि यह किसी भी देश के विकास को देखने का अहम संकेतक है।
मोदी ने कहा, ‘‘सिर्फ अर्थव्यवस्था ही किसी देश के विकास का एकमात्र संकेतक नहीं है। विकास के लिए हर क्षेत्र में अपराजेयता की जरूरत होती है। अगर आप फिल्मों की बात कर रहे हैं तो आपकी फिल्मों ने कितने ऑस्कर जीते हैं? अगर आप विज्ञान की बात करते हैं तो नोबेल पुरस्कार विजेताओं की संख्या। ’’
उन्होंने जवाब दिया, ‘‘इसी तरह जब हमारे बच्चे अधिकतम स्वर्ण पदक जीतते हैं तो हमारा देश महान बन जाता है। ’’
सभी खिलाड़ी प्रधानमंत्री से मंत्रमुग्ध थे और वंतिका तो इस बात से हैरान थीं कि मोदी को शनिवार को आने वाले उनके जन्मदिन के बारे में भी पता था।
वंतिका ने कहा, ‘‘उन्हें इसके बारे में पता था। मैं बहुत हैरान थी। मैं जब नौ साल की थी तब उन्होंने गुजरात में जूनियर प्रतियोगिता के दौरान मुझे सम्मानित किया था जिससे मुझे प्रेरणा मिली थी। ’’
गुकेश ने कहा, ‘‘जिस तरह उन्हें वंतिका का जन्मदिन याद था, उससे पता चलता है कि उन्हें खेल और खिलाड़ियों की कितनी परवाह है। ’’
वंतिका ने प्रधानमंत्री को उस सम्मान समारोह की फोटो भी भेंट की जिसमें उन्होंने उसे शॉल पहनाई थी।
खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री से उनके व्यस्त दैनिक कार्यक्रम और कार्यभार से निपटने के तरीके के बारे में भी पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘आपको ट्रेनिंग मिल रही होगी। आपको खाने-पीने के बारे में बताया गया होगा, ये चीजें खानी चाहिए। मैच से पहले, इतना खाओ, इतना मत खाओ, आपको सब कुछ बताया गया होगा। मेरा मानना है कि अगर हम इन चीजों की आदत डाल लें, तो हम सभी समस्याओं को पचा सकते हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘और जैसा कि मैंने कहा कि इसमें योग और ध्यान सचमुच बहुत प्रभावी हैं। ’’
भाषा नमिता