कर्नाटक : मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा ने किया प्रदर्शन
राजकुमार नरेश
- 26 Sep 2024, 04:56 PM
- Updated: 04:56 PM
(तस्वीरों के साथ)
बेंगलुरु, 26 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भूआवंटन मामले में एक विशेष अदालत द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ लोकायुक्त जांच का आदेश दिये जाने के बाद उनके (मुख्यमंत्री के) इस्तीफे की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को यहां प्रदर्शन किया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक एवं विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाड़ी नारायणस्वामी के नेतृत्व में यहां विधान सौध में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया गया जिसमें पार्टी के कई विधायकों एवं नेताओं ने हिस्सा लिया। विधान सौध में विधानमंडल एवं सचिवालय है।
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। उनके हाथों में तख्तियां थीं।
अशोक ने कहा, ‘‘सिद्धरमैया के खिलाफ दो अदालती आदेश आ चुके हैं। जब हमने पहले विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया तो उन्होंने (मुख्यमंत्री और कांग्रेस) इसे राजनीति से प्रेरित बताया। जब राज्यपाल का आदेश आया तो उन्होंने कहा कि यह केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के इशारे पर है। अब उच्च न्यायालय और विशेष अदालत ने आदेश दिए हैं, उन्होंने आरोपों में सच्चाई पायी है और कहा है कि इसकी जांच होनी चाहिए।’’
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ इसके बावजूद, कांग्रेस इसे राजनीति से प्रेरित बताकर नाटक कर रही है... सिद्धरमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए और जांच में सम्मानपूर्वक सहयोग करना चाहिए। हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरकार चली जाए, अगर वह (सिद्धरमैया बतौर मुख्यमंत्री) नहीं तो कोई और। हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं और सरकारी संपत्ति की रक्षा होनी चाहिए।’’
जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष के बी कोलीवाड ने कथित रूप से कहा है कि सिद्धरमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए, तब अशोक ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के अंदर से भी ऐसी ही मांग उठ रही है।
मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के अंदर कई दावेदारों के होने का दावा करते हुए विपक्ष के नेता (विधानसभा) ने कहा, ‘‘सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग करते हुए कुछ दिनों में उनकी पार्टी में बगावत होगी, उससे पहले ही अच्छा होगा कि वह कुर्सी छोड़ दें।’’
मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के अंदर झगड़ा होने का अनुमान लगाते हुए अशोक ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री (डी के शिवकुमार) के बीच पहले से मतभेद है तथा छह सात मंत्रियों ने पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी आकांक्षा खुलेआम व्यक्त कर दी है। उसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए विधायकों के बीच बैठकें शुरू होंगी।’’
अशोक समेत प्रदर्शनकारी भाजपा विधायक और नेता जब विधानसौध भवन की ओर कूच कर रहे थे तो पुलिस उन्हें बस में बैठाकर वहां से ले गयी। उनकी कथित मंशा विधानसौध का घेराव करने की थी। वे मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगते हुए नारे लगा रहे थे।
बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूआवंटन मामले में सिद्धरमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच का बुधवार को आदेश दिया था। अब उसके बाद उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है।
विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट के इस आदेश से एक दिन पहले उच्च न्यायालय ने सिद्धरमैया की पत्नी बी एम पार्वती को एमयूडीए द्वारा किये गये 14 भूखंडों के आवंटन में गड़बड़ी के आरोपों के सिलसिले में मुख्यमंत्री के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई जांच की मंजूरी को कायम रखा था।
पूर्व एवं वर्तमान सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों से निपटने के लिए गठित विशेष अदालत ने मैसूरु की लोकायुक्त पुलिस को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की शिकायत पर जांच शुरू करने का आदेश दिया था।
प्रदर्शन के जारी रहने के बीच सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को फिर कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने फिर से दोहराया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।
अपने ऊपर लग रहे आरोपों को ‘भाजपा की साजिश’ करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
बुधवार को विशेष अदालत के फैसले के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जांच का सामना करने को तैयार हैं।
एमयूडीए भू आवंटन मामले में आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी बी एम पार्वती को मैसूरु के एक पॉश इलाके में मुआवजे के तौर पर जो भूखंड आवंटित किये गये थे, उनकी कीमत एमयूडीए द्वारा अधिग्रहीत की गयी जमीन की तुलना में काफी अधिक थी।
एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 के अनुपात से भूखंड आवंटित किये थे जहां उसने आवासीय लेआउट विकसित किये थे।
इस विवादास्पद योजना के तहत एमयूडीए ने उन लोगों को 50 प्रतिशत विकसित जमीन आवंटित की थी जिनकी अविकसित जमीन आवासीय लेआउट विकसित करने के लिए ली गयी थी।
आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था।
भाषा
राजकुमार