दिल्ली पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़, तीन लोग गिरफ्तार
रवि कांत रवि कांत नरेश
- 25 Sep 2024, 09:16 PM
- Updated: 09:16 PM
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी (डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी) करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक इन तीनों पर मुंबई हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क विभाग का अधिकारी बनकर एक महिला से 55 लाख रुपये ठगने का आरोप है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान बुराड़ी निवासी प्रभात कुमार शाह (24), राजेश कुमार (27) और अर्जुन सिंह (29) के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने कहा, ‘‘हमने एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो साइबर धोखाधड़ी (डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी) का घोटाला कर रहा था। बारह सितंबर को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने पुलिस को बताया कि उसके साथ डिजिटल धोखाधड़ी की गयी और आरोपी ने उससे 55 लाख रुपये ठग लिए।’’
'डिजिटल अरेस्ट' एक ऐसी रणनीति है, जिसमें आरोपी स्वयं को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या सीमा शुल्क जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसी का अधिकारी बताते हैं, तथा फर्जी अंतरराष्ट्रीय पार्सल के नाम पर वीडियो कॉल करके लोगों को गिरफ्तारी की धमकी देते हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 12 सितंबर को एक महिला ने इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (स्पेशल सेल) में शिकायत दर्ज कराई थी कि नौ सितंबर की सुबह उसे किसी व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को मुंबई हवाई अड्डे स्थित सीमा शुल्क विभाग कार्यालय का अधिकारी बताया।
अधिकारी के अनुसार, महिला से उसकी पहचान की पुष्टि करने के लिए कहा गया और फोन करने वाले ने उसे बताया कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने छह सितंबर को एक पार्सल रोका था, जिसमें 16 फर्जी पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड और 40 ग्राम एमडीएमए (मादक पदार्थ) था। जिसमें प्रेषक के रूप में उसका विवरण सूचीबद्ध किया गया है।
पुलिस उपायुक्त तिवारी ने कहा, ‘‘आरोपी ने आगे दावा किया कि मुंबई पुलिस ने महिला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और उसे आत्मसमर्पण करना होगा। जालसाजों ने यह कहकर धमकी को और बढ़ा दिया कि सीबीआई जांच चल रही है और उसकी गिरफ्तारी आसन्न है। ’’
पुलिस ने कहा कि इन फोन कॉल के दौरान, अलग-अलग व्यक्तियों ने खुद को मुंबई पुलिस, सीबीआई और विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए, धनशोधन के आरोपों से बचने के लिए महिला के खातों को सत्यापित करने के बहाने धन हस्तांतरित करने के लिए दबाव डाला और महिला से 55 लाख रुपये की ठगी की।
पुलिस ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके पास से तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, दस्तावेज, दो पैन कार्ड और फर्जी कंपनियों से संबंधित स्टांप और सील जब्त किए हैं। इस मामले की विस्तृत जांच जारी है।
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