प्रारंभिक जांच के अनुसार खराब रखरखाव के कारण वृंदावन के पास पटरी से उतरी मालगाड़ी : सूत्र
जितेंद्र वैभव
- 25 Sep 2024, 08:19 PM
- Updated: 08:19 PM
(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में वृंदावन के निकट कोयले से लदी ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना के मामले की शुरुआती जांच में सामने आया कि मालगाड़ी के खराब रखरखाव के कारण यह दुर्घटना घटी। रेलवे के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने हालांकि बताया कि यह अधिकारियों की पर्यवेक्षी टिप्पणी है और अंतिम रिपोर्ट के समय इसमें बदलाव संभव है।
एनसीआर के जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शशिकांत त्रिपाठी ने बताया, “हमने रेलवे अधिकारियों की एक समिति द्वारा गहन जांच का आदेश दिया है। यह समिति पटरी से उतरने की घटना के सभी पहलुओं पर गौर कर रही है। शुरुआती जांच दुर्घटना स्थल के तत्काल अवलोकन के आधार पर विशेषज्ञों की राय मात्र है।”
उन्होंने कहा, “कभी-कभार अंतिम जांच रिपोर्ट प्रारंभिक जांच को पलट देती है, इसलिए हमारे लिए प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।”
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि रेलवे के छह वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त जांच रिपोर्ट में बताया गया, “यह दुर्घटना डिब्बों के अंडर गियर के खराब रखरखाव के कारण हुई। डिब्बों से कई हिस्से टूटे हुए पाए गए थे।”
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, “संयुक्त जांच में पाया गया कि ‘कैरिएज एंड वैगन’ (सीएंडडब्ल्यू) मैकेनिकल विभाग दुर्घटना के लिए जिम्मेदार है।”
वृंदावन रोड स्टेशन के पास 18 सितंबर, 2024 को कोयले से लदी मालगाड़ी के 26 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और तीन रेल मार्गों पर यातायात अवरुद्ध हो गया था।
दुर्घटना के कारण दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई रूट पर दर्जनों एक्सप्रेस, मेल तथा वंदे भारत ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और उनके मार्गों में परिवर्तन करना पड़ा।
उन्होंने बताया, “अच्छी बात यह रही कि उस रूट पर एक चौथी लाइन उपलब्ध थी, जिससे आने-जाने वाली दिशाओं में मार्ग पर फंसी कई ट्रेनों को सभी सुरक्षा सावधानियों को ध्यान में रखते हुए धीरे-धीरे निकाला गया।”
अधिकारी ने बताया, ‘‘किसी भी अधिकारी को मालगाड़ी के पटरी से उतरने के पीछे किसी बाहरी तत्व या शरारती तत्वों की कोई भूमिका नहीं मिली।”
सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया कि मालगाड़ी शाम सात बजकर 36 मिनट पर मथुरा से रवाना हुई और जैसे ही सात बजकर 54 मिनट पर वृंदावन यार्ड से गुजरी, ब्रेक पाइप के दबाव में अचानक गिरावट के कारण इसकी गति 59 किमी प्रति घंटे से कम होने लगी और 47 सेकंड में शून्य हो गई और पटरी से उतरने के कारण ट्रेन रुक गई।
एनसीआर के अनुसार, दुर्घटना के तुरंत बाद पटरियों को साफ करने के लिए लगभग 500 कर्मचारियों को तैनात किया गया था।
भाषा जितेंद्र