एथनॉल की मांग के बीच मक्का क्षेत्र में निवेश चाहता है बिहार
राजेश राजेश अजय
- 25 Sep 2024, 06:49 PM
- Updated: 06:49 PM
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने स्थानीय उत्पादन में वृद्धि के बीच बुधवार को हाइब्रिड मक्का बीज उत्पादन और गोदाम सुविधाओं में निजी क्षेत्र के निवेश का आह्वान किया।
उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित मक्का शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पांडेय ने इस साल रिकॉर्ड 10 लाख हेक्टेयर में मक्का की खेती करने के बिहार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की घोषणा की।
भारत के पांचवें सबसे बड़े मक्का उत्पादक के रूप में, राज्य में किसानों की मक्का की खेती के प्रति पसंद में बदलाव देखा जा रहा है, क्योंकि बाजार में इसकी कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कहीं अधिक हैं।
पांडेय ने फसल की बढ़ती उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘मक्का अब केवल मानव और पशुओं के उपभोग के लिए नहीं रह गया है। यह अब एथनॉल-मिश्रित पेट्रोल के माध्यम से हमारे वाहनों को शक्ति प्रदान कर रहा है।’’
एथनॉल उत्पादन के लिए ‘फीडस्टॉक’ के रूप में मक्का को अनुमति देने के केंद्र के फैसले से मांग में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे राज्य भर में एथनॉल संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा मिला है।
हालांकि, इस कृषि उछाल ने दो महत्वपूर्ण चुनौतियों-संकर मक्का के बीजों की कमी और भंडारण के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचे जैसी चुनौतियों को उजागर किया है।
पांडेय ने कहा, ‘‘हमें संकर मक्का के बीजों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। मैं निजी उद्योग को स्थानीय बीज उत्पादन में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि एक नई नीति तैयार की जा रही है, जिसके लिए जल्द ही रुचि पत्र जारी किया जाएगा।
मंत्री ने परिवहन बुनियादी ढांचे में सुधार के बावजूद बेहतर गोदाम सुविधाओं की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने बिहार की निवेशक-अनुकूल कृषि नीतियों की प्रशंसा की और निवेशकों से राज्य की क्षमता का लाभ उठाने का आग्रह किया।
केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने संकर मक्का बीज उत्पादन में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्य वर्तमान में इस क्षेत्र पर हावी हैं। उन्होंने उत्तरी राज्यों में बीज उत्पादन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए अनुसंधान का आह्वान किया।
बिहार के कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने खुलासा किया कि राज्य के 99 प्रतिशत संकर मक्का के बीज वर्तमान में अन्य राज्यों से प्राप्त किए जाते हैं। उन्होंने उद्योग जगत के कारोबारियों को बिहार में अपने बीज उत्पादन कार्यों का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया।
राज्य में 15 संयंत्र चालू होने की उम्मीद के साथ प्रदेश की एथनॉल उत्पादन क्षमता साल के अंत तक 8.09 लाख किलोलीटर सालाना तक पहुंचने की उम्मीद है। इस विस्तार के लिए प्रतिवर्ष लगभग 23.38 लाख टन मक्के की आवश्यकता होगी, जिससे फसल की मांग में और वृद्धि होगी।
बिहार का लक्ष्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि के 14 प्रतिशत योगदान को बढ़ाना है। इस लक्ष्य के मद्देनजर अधिकारियों ने घोषणा की कि केंद्र ने मक्का निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर तक बिहार में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) कार्यालय स्थापित करने पर सहमति जताई है।
भाषा राजेश राजेश