लड्डू विवाद : उपभोक्ता मामलों का विभाग कार्रवाई से पहले एफएसएसएआई की रिपोर्ट का इंतजार करेगा
पारुल नरेश
- 23 Sep 2024, 03:09 PM
- Updated: 03:09 PM
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) तिरुपति मंदिर में बांटे गए लड्डुओं पर जारी विवाद के बीच उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने सोमवार को कहा कि उनका विभाग भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की रिपोर्ट मिलने के बाद ही बाजार में घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए अतिरिक्त उपायों पर विचार करेगा।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की 100 दिन की उपलब्धियों पर आय़ोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान खरे ने कहा, ‘‘हम एफएसएसएआई की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खाद्य सुरक्षा एफएसएसएआई के अधिकार क्षेत्र में आती है।
खरे ने कहा, ‘‘हम सभी को एफएसएसएआई की कार्रवाई का इंतजार करना चाहिए।’’
त्योहारी मौसम से पहले घी की गुणवत्ता की संभावित जांच के बारे में पूछे जाने पर खरे ने कहा, ‘‘एफएसएसएआई की रिपोर्ट के बाद अगर जरूरी हुआ तो हम और अधिक कार्रवाई करेंगे, बशर्ते राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर उपभोक्ता शिकायतें प्राप्त हों।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि एनसीएच पर प्राप्त खाद्य पदार्थ संबंधी शिकायतें आमतौर पर मामले में एफएसएसएआई की विशेषज्ञता को देखते हुए कार्रवाई के लिए उसके पास भेज दी जाती हैं।
लड्डू विवाद का असर अन्य राज्यों में भी दिखने लगा है। कर्नाटक ने मंदिर के प्रसादम की जांच अनिवार्य कर दी है। उसने प्रसादम तैयार करने के लिए केवल नंदिनी घी के इस्तेमाल का निर्देश जारी किया है। वहीं, उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने जांच के लिए मथुरा के प्रमुख मंदिरों से 'प्रसादम' के 13 नमूने एकत्र किए हैं।
यह मामला तब सामने आया, जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववर्ती सरकार के शासन में तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए बनाए जाने वाले लड्डुओं में खराब गुणवत्ता वाले घी का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें जानवरों की चर्बी मिली हुई थी। नायडू ने बाद में मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की।
भाषा पारुल